गायमुख-भायंदर रोड का भूमिपूजन प्रधानमंत्री करेंगे। इसी मार्ग के लिए पीएम को ठाणे ले जाया जाएगा। हालांकि, इस मार्ग के लिए पर्यावरण विभाग से मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में क्या सॉइल टेस्ट हुआ है? क्या जियो टेक्निकल सर्वे हो गया है?
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई और महाराष्ट्र को लूटने के लिए बिना कामों को मंजूर और ठेकेदारों को नियुक्त किए ही, करोड़ों की परियोजनाओं की घोषणा की जाती है। इसी के साथ ही इनका पीएम के हाथों उद्धाटन करने की होशियारी घाती-भाजपा सरकार की ओर से की जा रही है। इस तरह का जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने किया। उन्होंने कहा कि ५ अक्टूबर को भी पीएम के हाथों इसी तरह १४ हजार करोड़ के गायमुख-भायंदर मार्ग का भूमिपूजन कराया जाएगा।
आदित्य ठाकरे ने कल ‘मातोश्री’ निवास स्थान पर प्रेस कॉन्प्रâेंस कर घाती-भाजपा की साजिशों का पर्दाफाश किया। उन्होंने कहा कि गायमुख-भायंदर रोड का भूमिपूजन प्रधानमंत्री करेंगे। इसी मार्ग के लिए पीएम को ठाणे ले जाया जाएगा। हालांकि, इस मार्ग के लिए पर्यावरण विभाग से मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में क्या सॉइल टेस्ट हुआ है? क्या जियो टेक्निकल सर्वे हो गया है? इस तरह के सवाल उन्होंने उठाए। आदित्य ठाकरे ने कहा कि दो साल पहले १८ जनवरी को प्रधानमंत्री की मौजूदगी में घोषणा की गई थी कि दो साल में सीमेंट-कंक्रीट की सड़कें बनाकर मुंबई को गड्ढा मुक्त कर दिया जाएगा। लेकिन मुंबई में अब भी जगह-जगह गड्ढे हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई, ठाणे, नासिक, नागपुर, पुणे समेत पूरे महाराष्ट्र में यही स्थिति है। उन्होंने यह जांच कराने की भी मांग की कि ये काम क्यों नहीं किए गए?
पीएम पद की गरिमा को ठेस
आदित्य ठाकरे ने कहा कि अगर किसी साधारण इमारत का भी उद्घाटन करना हो तो पीएम पीएमओ कार्यालय से सभी तरह की अनुमति होने की पुष्टि करने के बाद ही आते हैं। लेकिन अब ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा है। दो साल पहले ६,००० करोड़ की सीमेंट-कंक्रीट सड़कों का भूमिपूजन किया गया था। सूचना अधिकार से यह बात सामने आई है कि इनमें से मात्र नौ प्रतिशत कार्य ही पूरे हो पाए हैं। इसलिए उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि इससे ‘प्रधानमंत्री’ पद की ‘गरिमा’ को ठेस पहुंच रही है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि १३ सितंबर को गायमुख-भायंदर मार्ग के लिए १४ हजार करोड़ का टेंडर जारी किया गया। इसमें सात से आठ हजार करोड़ की सुरंग और छह करोड़ की एलिवेटेड रोड होगी। इस काम को पूरा होने में कम से कम तीन से चार साल लगेंगे, लेकिन उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि इतने बड़े काम के लिए महज २० दिन का शॉर्ट टेंडर वैâसे निकाला गया। आदित्य ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि मैनहोल और गड्ढों जैसे कामों के लिए शॉर्ट नोटिस टेंडर जारी किए जाते हैं, लेकिन चुनाव से पहले ये शॉर्ट नोटिस टेंडर केवल प्रधानमंत्री द्वारा भूमिपूजन के लिए जारी किए गए। सबसे चौंकानेवाली बात यह है कि इस काम के लिए वेस्टइंडिज के बैंक की गारंटी वैâसे दी गई।