अनिल मिश्र / पटना
बिहार के पटना ब्रांच में कार्यरत एनआईए के वरिष्ठ डीएसपी अजय प्रताप सिंह और उनके दो दलाल सहयोगियों के साथ सीबीआई एवं एनआईए की संयुक्त टीम ने 20 लाख रुपए रिश्वत लेते कल देर शाम गिरफ्तार किया है। कुछ दिन पहले ही सीबीआई को एनआईए के डीएसपी के विरुद्ध शिकायत जदयु के पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव ने की थी। जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।
मालूम हो कि करीब दो सप्ताह पहले रॉकी यादव की कंपनी रमिया कंस्ट्रक्शन और गया के एपी कालोनी स्थित आवास पर एनआईए ने छापेमारी की थी। यह छापेमारी करीब बारह घंटे तक चली थी। इस दौरान चार करोड़ तीस लाख रुपए और करीब इनके माता जी के निजी सुरक्षाकर्मियों के दस हथियार भी जब्त किए गये थे। इस नगदी और हथियार के पकड़े जाने के बाद पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए सभी के कागजात होने की बात कही थी। मनोरमा देवी ने इतने बड़े रकम के घर से बरामद होने पर रमिया कंस्ट्रक्शन सहित अन्य कारोबार होने की बात कहकर पत्रकारों से चार्टर्ड अकाउंटेंट के पास हिसाब किताब होने की बात भी बताई थी।
उस केस के जांच पदाधिकारी वरिष्ठ डीएसपी अजय प्रताप सिंह थे। इसी मामले में वे अपने दलालों के माध्यम से घुस ले रहे थे। जिसके बाद सीबीआई ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के एक वरिष्ठ अधिकारी और उसके दो दलालों के साथ मिलकर एक शिकायतकर्ता से कथित रूप से 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। दरअसल एनआईए के आधिकारिक बयान के अनुसार आरोपी की पहचान एनआईए की पटना शाखा में तैनात पुलिस उपाधीक्षक अजय प्रताप सिंह के रूप में हुई है। पूरे मामले में बताया गया कि सीबीआई को गुप्त सूचना मिली थी। रमिया कंस्ट्रक्शन के मालिक रॉकी यादव ने एनआईए की पटना शाखा के जांच अधिकारी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।
सीबीआई से प्राप्त सूचनाओं की जांच करने के बाद एनआईए के साथ मिलकर त्वरित कार्रवाई करते हुए अधिकारी को पकड़ने के लिए जाल बिछाए।डीएसपी अजय प्रताप सिंह को उनके 2 अन्य एजेंटों के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।