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पीएम के हाथों आज होगा अवैध भूमिपूजन! … मनमानी पर उतरी है ठाणे मनपा

– उद्यान के भूखंड पर शुरू कर रही है मुख्यालय का काम
– शिवसेना और कांग्रेस ने जताया कड़ा विरोध
सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे मनपा का नया मुख्यालय वर्तकनगर क्षेत्र में रेमंड कंपनी की साइट पर बनाया जाएगा। इसका भूमिपूजन आज शनिवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों किया जाएगा, लेकिन अब तक जमीन मनपा के कब्जे में नहीं आई है। इसके बावजूद भूमिपूजन किया जाएगा, जिसका ठाणेकरों सहित शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और कांग्रेस द्वारा विरोध किया जा रहा है। इस मामले में शिवसेना और कांग्रेस ने कोर्ट में जाने की चेतावनी भी दी है।
बता दें कि ठाणे मनपा का पांचपाखाड़ी क्षेत्र में चार मंजिला मुख्यालय भवन है। इस भवन में कई विभागों के कार्यालय हैं। इसके अलावा शहर में नौ वॉर्ड समिति कार्यालय हैं, लेकिन बढ़ते शहरीकरण के कारण प्रशासनिक भवन की क्षमता कम लगने लगी है। इसलिए ठाणे के वर्तकनगर क्षेत्र में रेमंड कंपनी की साइट पर ५७२ करोड़ रुपए की लागत से ठाणे मनपा का एक नया और सुसज्जित प्रशासनिक भवन बनाया जाएगा और मनपा ने इस निर्माण को दो वर्षों में पूरा करने की योजना बनाई है। इस भवन के निर्माण के लिए उद्यान का आरक्षण बदला जा रहा है और साथ ही पानी की टंकी का चल रहा काम भी रोक दिया गया है, लेकिन उद्यान आरक्षण को बदलने का स्थानीय निवासियों द्वारा विरोध किया जा रहा है और उन्होंने मनपा को इस तरह की लिखित शिकायत भी की है। हालांकि, इस पर हाल ही में सुनवाई हुई है, लेकिन अभी अंतिम पैâसला नहीं लिया गया है। वहीं मनपा ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों इस कार्य की आधारशिला रखने की योजना बनाई है और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ठाणे जिलाप्रमुख केदार दिघे और कांग्रेस ठाणे शहर अध्यक्ष विक्रांत चव्हाण ने इसका विरोध जताया है।
क्या कहते हैं नियम?
स्थानीयों की मांग है कि मनपा के नए भवन निर्माण के लिए उद्यान का आरक्षण नहीं बदला जाए और इसकी लिखित शिकायत मनपा में की गई है। इस पर सुनवाई हुई, लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया। वहीं भवन निर्माण के लिए उक्त जगह मनपा के कब्जे में नहीं आई है। नियम के मुताबिक, जब तक साइट पर कब्जा न हो जाए, तब तक प्रोजेक्ट कार्य के लिए टेंडर जारी नहीं किए जाने चाहिए। लेकिन इस जगह पर कब्जा नहीं होने के बावजूद टेंडर हो चुका है और इस काम का भूमिपूजन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इसलिए अगर प्रधानमंत्री मोदी जमीन पर कब्जा न होने के बावजूद भूमिपूजन करते हैं, तो भविष्य में उन्हें नुकसान हो सकता है। इसलिए उन्होंने मांग की कि उन्हें यह भूमिपूजन नहीं करना चाहिए, इसलिए शिवसेना और कांग्रेस ने यह भी कहा कि हम इस मामले में स्थानीय निवासियों के साथ हैं और चेतावनी दी कि अगर यह भूमिपूजन जल्दबाजी में किया गया तो हम इस मामले में अदालत जाएंगे।

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