क्या फायदा

 

जो रिश्ते सिर्फ दर्द से भर दें दिल को,
उन रिश्तों को ढोने से क्या फायदा

जो अपने होते हुए, सिर्फ नाम के हो अपने,
उनको अपना कहने से क्या फायदा

जिन रिश्तों में नफरत..छुपी हो दिल में,
उनको मन में रखने से क्या फायदा

जिन रिश्तों में खत्म हो चुकी हो हर मर्यादा
उनको साथ लेकर चलने से क्या फायदा

जिन रिश्तों में भर चुकी हो सिर्फ कड़वाहट
उनके लिए दिल जलाने से क्या फायदा

जिनको याद करते ही दर्द से भर जाए दिल
उन रिश्तों के लिए अश्क बहाने से क्या फायदा

जो तोड़ चुके हो प्यार, सम्मान, विश्वास की हर डोर
उनके साथ रिश्ता निभाने से क्या फायदा

श्वेता गर्ग “स्वाति”
ग्वालियर, मध्य प्रदेश

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