– कोर्ट में दायर किया हलफनामा
– काट रहा है उम्र कैद की सजा
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट-यासीन (जेकेएलएफ-वाई) के अध्यक्ष यासीन मलिक ने यूएपीए कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है। इसमें उसने कहा कि हथियार के बल पर विरोध-प्रदर्शन के तरीके का त्याग करते हुए उसने गांधीवादी तरीका अपना लिया है। यासीन ने कहा कि १९९४ से ही उसने हथियार और हिंसा छोड़ दी है। यासीन मलिक टेरर फंडिंग के मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्र कैद की सजा काट रहा है।
बता दें कि यासीन मलिक के संगठन जेकेएलएफ-वाई पर अगले ५ साल के लिए बैन लगा दिया गया है। यासीन की ओर से जो हलफनामा पेश किया गया है, उसका जिक्र यूएपीए कोर्ट द्वारा पिछले महीने जारी किए गए आदेश में किया गया है। इसे राजपत्र में भी प्रकाशित किया गया है। इसमें कहा गया कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, १९६७ के तहत जेकेएलएफ-वाई को अगले पांच वर्षों के लिए ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित करने के पैâसले को बरकरार रखा गया है। यासीन मलिक ने १९८८ में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट यानी जेकेएलएफ-वाई बनाया था। इस संगठन ने १९९० में श्रीनगर के रावलपुरा में भारतीय वायुसेना के चार कर्मियों की हत्या की थी। इस मामले में यासीन मलिक मुख्य आरोपी था। गवाहों ने इस मामले में यासीन की पहचान भी की थी। एनआईए टेरर फंडिंग के मामले में यासीन को सजा हुई। मई २०२२ में कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई थी।