सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर ड्रग्स के साथ गिरफ्तार एक आरोपी की जमानत पर बार-बार सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पहले स्थानीय कोर्ट और फिर एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंसेस) कोर्ट ने आरोपी की जमानत बरकरार रखी थी। इसी मामले में चार्जशीट दाखिल करते समय आरोपी अनुपस्थित रहा, जिसके कारण कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ वारंट भी निकाला है। इसके बावजूद उसकी गिरफ्तारी नहीं की गई, जिससे मुंबई सेंट्रल जीआरपी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच आरोपी की मदद करने वालों की जांच शुरू होने की जानकारी जीआरपी से जुड़े सूत्रों ने दी है।
बता दें कि राजस्थान के कोटा का रहने वाला आशीष डागा २३ जनवरी की सुबह राजधानी एक्सप्रेस से मुंबई सेंट्रल स्टेशन पहुंचा था। सुबह ९:४५ बजे स्टेशन पर तैनात जीआरपी जवानों ने उसे संदिग्ध पाते हुए हिरासत में लिया। तलाशी के दौरान उसके बैग से ५१ ग्राम एमडी (ड्रग्स) पावडर बरामद हुआ, जिसकी कीमत करीब १० लाख रुपए आंकी गई।गिरफ्तार आरोपी के खिलाफ उसके चाचा संजय दमानी और चाची सुनीता दमानी ने भी शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, आरोपी को सुबह गिरफ्तार करने के बावजूद उसे दोपहर ३:३० बजे के करीब कोर्ट में पेश किया गया। आरोपी के वकील ने कोर्ट को बताया कि गिरफ्तारी के बाद उसे तुरंत पेश किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी की तत्काल रिहाई का आदेश दिया। आरोपी को समय पर कोर्ट में पेश न करने और जीआरपी के कथित तौर पर आरोपी के साथ आर्थिक संबंधों को लेकर उस समय पुलिस पर सवाल उठाए गए थे। इसके साथ ही आरोपी को जमानत मिलने के बाद यह आरोप भी लगे हैं कि पुलिस और आरोपी के बीच सांठगांठ हो सकती है। इस मामले में जीआरपी की कार्यवाही पर सवाल उठने के बाद अब आरोपी की मदद करने वाले लोगों की जांच शुरू हो गई है। ड्रग्स तस्करी और पुलिस के बीच संभावित संबंधों की जांच की जा रही है, क्योंकि एक महीने बाद कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस की अनुपस्थिति भी संदेह पैदा कर रही है।
मेडिकल रिपोर्ट में ड्रग्स की पुष्टि
पुलिस द्वारा आरोपी के पास से जब्त ड्रग्स को जांच के लिए भेजा गया था। इस मेडिकल रिपोर्ट में भी आरोपी के पास पदार्थ के ड्रग्स होने की पुष्टि हुई है। इस रिपोर्ट को चार्जशीट के साथ कोर्ट में दाखिल किया गया है।
वारंट रद्द कराने में जुटा आरोपी
चार्जशीट दाखिल करते समय कोर्ट में आरोपी को हाजिर रहना चाहिए लेकिन दो तारीखाें पर आरोपी हाजिर नहीं होने के बाद पिछले महीने कोर्ट ने आरोपी की अनुपस्थिति में चार्जशीट दाखिल की, साथ ही आरोपी के खिलाफ वारंट जारी किया है। लेकिन एक महीने बाद भी पुलिस आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। सूत्रों की मानें तो आरोपी वारंट रद्द कराने में जुटा है।