सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की ‘ईडी’ सरकार ने विदेश में भी महाराष्ट्र की इज्जत को तार-तार कर दिया है। एक सम्मेलन के लिए स्विट्जरलैंड गई मुख्यमंत्री व मंत्रियों की टीम ने वहां रहने व खाने का बिल नहीं चुकाया व उधारी करके वापस आ गई। कई महीने बीतने पर भी उक्त भुगतान नहीं किया गया। अब इस मामले में स्विस कंपनी ने १.५८ करोड़ रुपए के बिलों का भुगतान नहीं करने पर कानूनी नोटिस भेजा है। यह बिल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके कुछ मंत्रियों के दौरे से संबंधित है। बता दें कि इस साल जनवरी में सीएम शिंदे दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच में शामिल होने के लिए स्विट्जरलैंड की यात्रा पर गए थे। इस दौरान महाराष्ट्र का एक शिष्टमंडल भी उनके साथ गया था। दावोस प्रवास के दौरान एक कंपनी ने इन लोगों का आतिथ्य सत्कार किया। शिष्टमंडल होटल में जहां ठहरा और खाया-पीया, उसका कथित तौर पर भुगतान नहीं किया गया। इसलिए उस कंपनी ने १.५८ करोड़ रुपए का बकाया भुगतान करने में विफल रहने पर महाराष्ट्र सरकार को कानूनी नोटिस भेजा है। कंपनी ने २८ अगस्त को इस बारे में एमआईडीसी, मुख्यमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विश्व आर्थिक मंच सहित अन्य को नोटिस भेजते हुए आरोप लगाया है कि सरकारी कंपनी ‘एमआईडीसी’ ने १.५८ करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है।
जरूरत से ज्यादा खर्च
विधायक रोहित पवार सहित विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार ने दावोस यात्रा पर जरूरत से ज्यादा खर्च किया है। ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पवार ने दावा किया कि इस घटना ने विश्व आर्थिक मंच पर राज्य की छवि खराब कर दी है और निवेशकों को एक बुरा संदेश दिया है। ‘एक्स’ पर पवार द्वारा पोस्ट किए गए नोटिस के कुछ हिस्सों के अनुसार, उक्त कंपनी को महाराष्ट्र प्रतिनिधिमंडल को खानपान और आतिथ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए एमआईडीसी द्वारा नियुक्त किया गया था।