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लाडली बहन योजना : दो-तीन महीनों का राजनीतिक खेल … सरकारी खजाना खाली है, ओवरड्राफ्ट पर चल रही सरकार … संजय राऊत का जोरदार हमला

सामना संवाददाता / मुंबई
सरकार के पास `लाडली बहन’ योजना के लिए पैसे नहीं हैं। मुख्यमंत्री को मध्य प्रदेश की जानकारी लेनी चाहिए। वहां लाडली बहन योजना बंद है। वित्त सचिव ने बताया है कि राजनीतिक लाभ के लिए इस तरह से योजना नहीं चलाई जा सकती है। महाराष्ट्र में भी लाडली बहन योजना की दूसरी या तीसरी किस्त तो मिलेगी, लेकिन चौथी किस्त देने की ताकत सरकार के पास नहीं रहेगी। यह योजना दो-तीन महीनों का राजनीतिक खेल है। इस तरह का हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने करते हुए कहा कि सरकारी खजाना खाली है। इस बार वेतन का भुगतान भी सरकार द्वारा ओवरड्राफ्ट के माध्यम से किया गया है, इसलिए अगले महीने सरकारी कर्मचारियों को वेतन मिलेगा या नहीं, इस पर संदेह जताया जा रहा है। राज्य सरकार की स्थिति ऐसी है कि सरकारी कर्मचारियों, पुलिस और शिक्षकों को वेतन नहीं देगी। यह सरकार ओवरड्राफ्ट या कर्ज पर चल रही है। ऐसे में हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी आकर लाखों करोड़ की योजनाओं की घोषणा करके चले गए, लेकिन इनके लिए पैसा कहां से आएगा? इस तरह का सवाल भी उन्होंने किया है।
मीडिया से सोमवार को बातचीत में सांसद संजय राऊत ने कहा कि योजना को लेकर हवा में उड़ रहे एकनाथ शिंदे को देखना चाहिए कि जमीन पर हालात क्या हैं। मोदी लाडली बहन योजना कार्यक्रम में आते हैं लेकिन बहनें कहां हैं? कुर्सियां खाली हैं और बहनें भी जानती हैं कि यह दो-तीन महीने का खेल है। यह सरकार और अब उनका मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे, इसलिए लाडली बहनों के जरिए वोट पाने की कोशिश की जा रही है। यहां उनके लाडले बेरोजगार, लाडले किसान, लाडले सरकारी कर्मचारी, लाडले पुलिसकर्मी नहीं हैं। यहां केवल लाडले ठेकेदार और लाडली बहनें ही हैं। सरकार के पास कोई नीति और दिशा नहीं है। हमें डर है कि लाडली बहनों के राजनीतिक खेल में बाकी महाराष्ट्र की दिवाली अंधकारमय न हो जाए।
विकास कार्य कर्ज पर
संजय राऊत ने कहा कि ठेकेदारों को उनके काम का भुगतान भी नहीं मिल रहा है। ५०-५० हजार करोड़ का कर्ज बकाया है। सभी विकास कार्य कर्ज पर चल रहे हैं। मंत्रालय में छोटे-बड़े ठेकेदार बैठे हैं। काम के बदले उनसे ४० प्रतिशत कमीशन लिया गया है, लेकिन उनका बिल अभी तक नहीं मिला है। मुख्यमंत्री खुद मिस्टर ४० पर्सेंट और उनके चिरंजीव २० पर्सेंट हैं। उनके नीचे के सभी लोग मिस्टर १० पर्सेंट हैं। ये ठेकेदारों से पहले ही वसूले जा चुके हैं। इससे ठेकेदार कंगाल हो गए हैं।

जल्द ही बड़ी तादाद में इनकमिंग
संजय राऊत ने कहा कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शिवसेना और राकांपा में जमकर इनकमिंग हो रही है। कल डोंबिवली के युवा कार्यकर्ता जो किन्हीं परिस्थितियों में `शिंदे’ गुट में चले गए थे, वे अपने कार्यकर्ताओं के साथ वापस शिवसेना में आ गए। जलगांव, धुले, मालेगांव, नासिक क्षेत्रों में भी जल्द ही बड़ी संख्या में इनकमिंग होगी। उन्होंने कहा कि ये सभी विधानसभा में शिवसेना के साथ काम करते हुए हमें हमारी सीटें जीतने में मदद करेंगे।

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