मुख्यपृष्ठस्तंभसमाज के सिपाही : उल्हासनगर को भ्रष्टाचार मुक्त कराना है मकसद

समाज के सिपाही : उल्हासनगर को भ्रष्टाचार मुक्त कराना है मकसद

अनिल मिश्रा

कहते हैं सिख समाज अपनी मेहनत के बलबूते अपना सिर ऊंचा करके शान से जीता है। ऐसे ही लोगों में से एक हैं उल्हासनगर के कुलविंदर सिंह बैंस उर्फ विंदर (पाऊ) जी, जो उल्हासनगर को समस्याओं का शहर बताते हैं। तेरह किलोमीटर वाले इस शहर में अपने आपको नेता कहनेवालों का अंकुश नहीं है इसलिए प्रशासन निरंकुश हो गया है। पूरा शहर जनसुविधाओं से विहीन है और विकास के नाम पर यहां उल्हासनगर वासियों द्वारा भरे गए टैक्स के पैसों की लूट मची हुई है। कुलविंदर सिंह शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के कट्टर समर्थक हैं और उल्हासनगर के भ्रष्टाचार को प्रमुखता से मिटाना चाहते हैं।
किसी भी काम को छोटा न समझनेवाले कुलविंदर सिंह १९८० में पंजाब से उल्हासनगर आए। अपनी कठोर मेहनत के बलबूते उन्होंने आज अपना मकाम हासिल कर लिया है। बतौर ट्रक चालक नौकरी करनेवाले कुलविंदर सिंह एक ट्रक का मालिक बनने के बाद आज कई ट्रकों के मालिक हैं। उन्होंने मयूर बल्क वैâरियर नामक ट्रांसपोर्ट कंपनी की शुरुआत की। इसके बाद मयूर ऑटोमोबाइल (पेट्रोल पंप) और मयूर होटल भी उन्होंने शुरू किया। अपने कार्यों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी आगे रहनेवाले कुलविंदर सिंह उल्हासनगर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। उल्हासनगर शहर एक ऐसा शहर है, जहां हर जाति और धर्म के लोग रहते हैं। सभी से उनका भाईचारे वाला संबंध है। शहर के जनहित में ज्वलंत मुद्दों को उठाते हुए प्रशासन को जगाने का कार्य करते हैं। कोरोना काल में उन्होंने भोजन और अनाज का वितरण किया। आज उल्हासनगर में विकास के नाम पर तमाम तरह के फंड को लूट लोग अपना खुद का विकास कर रहे हैं। कुलविंदर सिंह कहते हैं पूरा शहर पानी, बिजली, सड़क, साफ-सफाई, यातायात, अपराध के बढ़ते ग्राफ, अवैध और घटिया निर्माण, स्टेशन परिसर की दुर्दशा, टूटते पुल, उड़ती धूल, डपिंग ग्राउंड जैसी तमाम तरह की समस्याओं से त्रस्त है। बिना किसी नियोजन के शहर की सड़कों को बार-बार खोदकर सड़क की हालत खस्ता कर दी है। तमाम तरह के फंड को शहर की सुख-सुविधा पर न खर्च करते हुए ‘राम-राम जपना, पराया माल अपना’ समझकर हड़प लिया जाता है, इसे रोकने के साथ ही उल्हासनगर के साथ गद्दारी करनेवालों को सबक सिखाना मुख्य मुद्दा होगा। दो बच्चों के पिता कुलविंदर सिंह के दोनों बच्चे कनाडा में व्यापार कर रहे हैं।

 

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