सामना संवाददाता / मुंबई
एक व्यापारी केवल दो शब्द जानता है, लाभ और हानि, जो हम देख रहे हैं। लेकिन रतन टाटा कमाल के देशभक्त थे। देश के स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक कार्यों और मुंबई जैसे शहर के निर्माण में उनके योगदान को इतिहास में दर्ज किया जाना चाहिए। टाटा के लिए देश लूट का नहीं, बल्कि सृजन का साधन था। उन्होंने देश का निर्माण किया। उन्होंने हमें और युवा उद्यमियों को प्रेरणा दी। उद्योग जगत में अगर किसी का नाम सत्यनिष्ठा, सच्चाई और ईमानदारी का प्रतीक है तो वह टाटा का नाम है। भले ही वह एक व्यवसायी थे, फिर भी हर कोई उन्हें अपने परिवार के सदस्यों में से एक महसूस करता था। दुनिया में ऐसा कोई दूसरा उदाहरण नहीं है। इस तरह की प्रतिक्रिया शिवसेना ( उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने दी।
उद्योगपति, पद्म विभूषण रतन टाटा का बुधवार रात मुंबई के ब्रिज कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। वे ८६ वर्ष के थे। उनके निधन से इंडस्ट्री में शोक पैâल गया है। इसी के साथ ही राजनीतिक, सामाजिक, खेल और मनोरंजन क्षेत्र से उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। सांसद संजय राऊत ने उनके निधन पर शोक जताया और टाटा को श्रद्धांजलि दी। इस बीच मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि किसी उद्योगपति की मौत पर कोई शोक नहीं मनाता। लेकिन टाटा ऐसी शख्सियत थे कि देश के घर-घर में उनका नाम था। उनके जाने से देश रो रहा है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि टाटा ने हमें बहुत कुछ दिया है। टाटा और देश की जनता के बीच का रिश्ता स्नेह का था। हम जानते हैं कि कोरोना काल में टाटा ने हमारा कितना ख्याल रखा। कोरोना से लड़ने के लिए सबसे बड़ा दान टाटा ने दिया, जिन्होंने हजारों करोड़ रुपए दिए। टाटा ने न केवल लोगों के लिए अस्पताल बनाए, बल्कि जानवरों, पक्षियों और अनाथों के लिए भी अपना खजाना खाली कर दिया। अभी भी विश्वास नहीं हो रहा कि टाटा चले गए। संजय राऊत ने कहा कि वे हमेशा हमारे दिलों में रहेंगे।
दिल्ली से लिए जाते हैं फैसले
संजय राऊत ने कहा कि भाई को भाई से, भाई को बहन से लड़ाना, ये सब विकृत बातें भाजपा के दिमाग की उपज हैं। ऐसे फैसले दिल्ली में लिए जाते हैं और दिल्ली के वर्तमान शासक मराठी लोगों और महाराष्ट्र के शत्रु हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में इसका बदला लिए बिना नहीं रहेगी।
वोट खरीदने की योजना `लाडली बहन’
सांसद संजय राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र में वोटों के लिए लाडली बहन योजना में धांधली की जा रही है। यह योजना वोट खरीदने की योजना है और महिलाओं या बहनों के प्रति प्रेम कम और व्यापार-लेनदेन अधिक है। उन्हें मध्य प्रदेश में लाडली बहन योजना की स्थिति की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि ये सभी फैसले दिल्ली में अमित शाह या नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र में हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को नुकसान पहुंचाने अथवा शिवसेना के खिलाफ काम करने के लिए लेते हैं। बारामती में सुप्रिया सुले के खिलाफ सुनेत्रा पवार को खड़ा करने का फैसला किसने किया? ये फैसला अजीत पवार का नहीं होगा। ये फैसला अमित शाह का रहा होगा।