सामना संवाददाता / मुंबई
दिग्गज उद्योगपति के रूप में पहचाने जाने वाले रतन टाटा का ८६ साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने देर रात बुधवार को करीब ११ बजे अंतिम सांस ली। वे लो बीपी से जूझ रहे थे, जिसने उनकी सांसों को रोक दिया। चिकित्सकों के मुताबिक हर १० में से २ व्यक्ति इसके शिकार हैं। इस तरह से मुंबई में करीब ३० लाख लोग लो बीपी से पीड़ित हैं। इस बीमारी से जूझ रहे रोगियों को चिकित्सकों ने सावधानी बरतने की सलाह दी है।
जायनोवा शाल्बी अस्पताल में जनरल फिजिशियन डॉ. निमित नागदा ने कहा कि तनाव, आनुवांशिकी और भोजन से पोषण की कमी लो ब्लड प्रेशर के महत्वपूर्ण कारक हैं। हाई और लो ब्लड प्रेशर दोनों ही कई तरह की स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकते हैं। उच्च रक्तचाप को हृदय रोग के लिए एक जोखिम कारक माना जाता है। इसके अलावा गुर्दे और आंखों को गंभीर नुकसान होने का खतरा होता है। इसी तरह लो ब्लड प्रेशर भी हृदय के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
१० लोगों में से २ हैं लो बीपी से पीड़ित
डॉ. निमित नागदा ने कहा कि लो बीपी के रोगी दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। मुंबई के अस्पताल की ओपीडी में रोजाना तकरीबन २० से ३० फीसदी लो बीपी के मरीज इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई में करीब १.५० करोड़ की आबादी है। इसमें करीब ३० लाख लो बीपी के मरीज हैं।
बीपी क्या है?
ब्लड प्रेशर या रक्तचाप खून के जरिए ब्लड वेसल्स की दीवारों पर डाले जाने वाले दबाव को कहते हैं। यह शरीर के सभी अंगों को ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाने के लिए जरूरी है। लेकिन जब यह दबाव बहुत ज्यादा हो जाता है, तो उसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहते हैं।
बीपी के लक्षण
बीपी के लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, नाक से खून आना, दृष्टि में धुंधलापन, थकान, छाती में दर्द, अनियमित दिल की धड़कन आदि शामिल हैं।