-कहीं शौचालयों का रोना तो कहीं गंदे पानी की सप्लाई
-नागरिकों ने लगाई मुंबई हाई कोर्ट से गुहार
सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले ढाई साल से मनपा में नगरसेवक नहीं हैं। सरकार मनपा में नगरसेवकों का चुनाव कराने में टाल-मटोल कर रही है। राज्य की ‘घाती’ सरकार की सरपरस्ती में मनपा के भीतर जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। भ्रष्टाचार में डूबी मनपा पूरी तरह मदमस्त हो गई है। उसे आम जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नजर नहीं आता है। यही कारण है कि आम जनता पूरी तरह से परेशान है। कहीं पानी की समस्या तो कहीं शौच की समस्या तो कहीं साफ-सफाई नहीं होने से लोग कूड़े-करकट के बीच चल रहे हैं।
गौरतलब है कि जनता को त्रस्त होने के लिए प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है। ऐसे में मनपा की इस हरकत के कारण जिल्लत झेल रहे नागरिकों ने मनपा के कामकाज को लेकर हाई कोर्ट में गुहार लगाई है। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर शौचालय बनाने की मांग की है। कोर्ट ने भी लापरवाही के लिए मनपा को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने मात्र एक महीने में स्थायी शौचालय बनाने का निर्देश दिया है। मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जिल्लत भरी जिंदगी जी रहे स्थानीय लोगों ने हाई कोर्ट में गुहार लगाई है। इस मामले में कोर्ट ने मनपा को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि १५ दिनों में अस्थायी शौचालय उपलब्ध कराओ, उधर मनपा की दलील थी कि एक साल से भी ज्यादा समय हो गया, पर म्हाडा ने उसे एनओसी नहीं दिया है।
कई इलाकों में गंदे पानी की सप्लाई
मुंबई को पानी सप्लाई करने वाली झीलों में ९९ प्रतिशत से ज्यादा पानी भरा हुआ है, लेकिन फिर भी मुंबई के कई इलाकों में लोगों को पानी कटौती का सामना करना पड़ रहा है। यह पानी कटौती अघोषित तरीके से की जा रही है। ऐसा आरोप पूर्व नगरसेवक रवि राजा ने लगाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि मुंबई के अंटॉप हिल, सायन कोलीवाड़ा, धारावी, कुर्ला जैसे क्षेत्रों में गंदा व दूषित पानी सप्लाई हो रहा है, जिससे लोग बीमार पड़ रहे हैं।
१,६०० लोगों के लिए १० सीट शौचालय
मुंबई के बीच सांताक्रुज स्थित कालिना इलाके के स्लम निवासियों को शौच के लिए टॉयलेट नहीं है। १,६०० से अधिक आबादी वाले क्षेत्र में लोग केवल १० शौचालय सीट का उपयोग कर रहे हैं। उसमें भी छह पुरुषों और चार महिलाओं के लिए हैं। यही हाल कमोबेश गोलीबार, वडाला, अंटॉप हिल, कुर्ला, मानखुर्द में भी देखने को मिल रहा है।