महेश्वर में बनेगा “अहिल्या लोक”
दीपक तिवारी/भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि शस्त्र-पूजन हमारी प्राचीन परंपरा का हिस्सा है। शस्त्र आत्मरक्षा, अन्याय और शोषण के विरुद्ध जंग का प्रतीक है। शस्त्रों के भरोसे ही धर्म और देश की रक्षा की जा सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शनिवार को लोकमाता अहिल्या बाई की कर्मभूमि महेश्वर में “दशहरे” के अवसर पर शस्त्र-पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महेश्वर क्षेत्र में युवाओं को रोजगार देने के लिए इंडस्ट्रियल बेल्ट विकसित किया जाएगा। साथ ही यहां पर टूरिज्म विलेज भी बनेगा। महेश्वर में “अहिल्या लोक” भी बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शस्त्र पूजन के लिए महेश्वर को इसलिए चुना गया, क्योंकि लोकमाता देवी अहिल्या सुशासन और लोक कल्याण का प्रतीक रही हैं। जनता की सुविधाओं को लेकर जनता की इच्छा, आकांक्षाओं के आधार पर सरकार चलाना ही सुशासन है। इसका लोकमाता देवी अहिल्या बाई सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अवैध शस्त्र जब्त करने वाले सब इंस्पेक्टर को 31 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि देने के साथ कार्यक्रम में भक्तिपूर्ण माहौल के लिए भजन मण्डली को भी एक लाख रुपए देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई ने सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास के सिद्धांत पर चलकर काम किया। अपने राज्य की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने जनजातीय समाज से भी मदद ली। लोगों को रोजगार दिलाने के लिए देवी अहिल्याबाई ने औरंगाबाद, हैदराबाद, काशी एवं अन्य शहरों से कारीगरों को लाकर महेश्वर में बुनकरों को काम दिया और महेश्वरी साड़ी के नाम से देश में एक अलग पहचान बनाई। देवी अहिल्याबाई ने नारी सशक्तिकरण के लिए काम किया है। उन्होंने महिलाओं के लिए नर्मदा तट पर अलग घाट बनाये। लोकमाता अहिल्याबाई ने अपने प्रियजनों के दिवंगत हो जाने के बाद भी जनता के अभिभावक के रूप में पूरी कुशलता के साथ अपने राज्य को चलाया।