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शिंदे सरकार की अनदेखी-, सड़क सुरक्षा पर सवाल…मुंबई की सड़कों पर दौड़ रही हैं मौतें! 

तीसरे साल भी बड़े सड़क हादसे

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या लगातार तीन साल से महाराष्ट्र में सबसे अधिक बनी हुई है, जो यातायात सुरक्षा और नगर प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े करती है। राज्य परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से अगस्त २०२४ के बीच शहर में १,६१९ सड़क दुर्घटनाएं हुर्इं, जो पिछले दो वर्षों की तुलना में तेजी से बढ़ी हैं। २०२२ में इसी अवधि में मुंबई में १,२९४ सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गई थीं, जबकि २०२३ में यह आंकड़ा १,६१८ तक पहुंच गया। इस वर्ष १,६१९ दुर्घटनाओं के साथ यह स्पष्ट हो गया है कि मुंबई की सड़कें लगातार जोखिम भरी होती जा रही हैं, जबकि यातायात सुरक्षा के दावे मात्र खोखले साबित हो रहे हैं।
यह स्थिति केवल मुंबई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे राज्यभर में दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। २०२२ में २२,२८६ सड़क दुर्घटनाओं के मुकाबले २०२३ में यह संख्या २३,४२८ तक पहुंच गई और २०२४ में यह बढ़कर २४,०२४ हो गई। हालांकि, इस वर्ष दुर्घटनाओं में मौतों की संख्या में १६८ की कमी आई है, लेकिन दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या राज्य में यातायात सुरक्षा की गंभीर स्थिति को दर्शाती है। मुंबई की बात करें तो २०२४ में अब तक १,६१९ सड़क दुर्घटनाओं के बावजूद मौतों की संख्या १९८ पर सीमित रही है, जो २०२२ में २४० थी। विशेषज्ञों का मानना है कि शहर में वाहनों की धीमी गति (२०-३० किमी/घंटा) के कारण दुर्घटनाएं तो बढ़ रही हैं, लेकिन मौतों में गिरावट आई है। हालांकि, यह कमी किसी बड़ी राहत की बात नहीं है, क्योंकि दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
मुंबई की सड़कों पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। २०२२ में जहां ४३ लाख वाहन पंजीकृत थे, वहीं २०२४ में यह संख्या बढ़कर ४८ लाख हो गई है। वाहनों की इस बढ़ती संख्या और सड़क पर जगह की कमी के बीच शहर की यातायात व्यवस्था चरमराती नजर आ रही है। परिवहन विभाग के अधिकारी इस वृद्धि के पीछे वाहनों की भारी संख्या को जिम्मेदार ‘हरा रहे हैं, लेकिन यह समाधान की दिशा में उ’ाया गया कदम नहीं लगता। सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या और यातायात सुरक्षा के मुद्दों के बावजूद मुंबई में कोई ‘ोस सुधार नहीं दिख रहा है। नगर प्रशासन की ओर से किए गए दावों के बावजूद यह स्थिति लगातार बदतर होती जा रही है, जिससे शहर के नागरिकों की सुरक्षा दांव पर है।

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