सामना संवाददाता / जयपुर
राजस्थान में भजनलाल शर्मा की सरकार और प्रशासन कुंभकर्णी की नींद सो रहा है। इसका जीता-जागता उदाहरण बांसवाड़ा के कॉलेज में खड़े १,५०० स्कूटर हैं। ये स्कूटर कल्याण योजना के तहत लड़कियों को मिलने थे, लेकिन सरकार और अधिकारियों की लापरवाही के कारण अब धीरे-धीरे ये कबाड़ में तब्दील होते जा रहे हैं।
काली बाई भील स्कूटी योजना के तहत बांसवाड़ा के दो कॉलेजों में वंचित वर्ग की लड़कियों को कॉलेज जाने के लिए ये स्कूटर दिए जाने थे। ये स्कूटर उन बच्चियों को मिलने थे, जिनके माता-पिता की आय २.५ लाख से कम और १०वीं और१२वीं बोर्ड की परीक्षा में कम से कम ६५ प्रतिशत अंक प्राप्त हो। जानकारी के अनुसार, एक स्कूटर की कीमत ८० हजार रुपए है। ऐसे में सभी स्कूटरों की कीमत लगभग १२ करोड़ रुपए है। ये सभी स्कूटर पिछले एक साल से बासंवाड़ा के हरदेव जोशी कॉलेज और विद्यामंदिर कॉलेज परिसर में खड़े हैं। अधिकारियों की मानें तो स्कूटर में देरी का कारण पिछले साल दिसंबर में हुए चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता है। पात्र विद्यार्थियों को स्कूटर तभी मिलता है, जब वित्त विभाग उनके लिए एक क्यूआर कोड जारी करता है।