सामना संवाददाता / मुंबई
मशाल जैसा हथियार पूरी दुनिया में कोई नहीं है। ऐसा कोई चिह्न नहीं है। मशाल यानी एनमी ऑफ डार्क है। यह अंधेरों को मिटाती है। इस समय महाराष्ट्र और देश में जो अंधकार पैâला हुआ है, उसको दूर करने के लिए मशाल चाहिए। इस तरह का वक्तव्य देते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि एक चिंगारी काफी है मशाल जलाने के लिए और एक मशाल काफी है ज्वालामुखी उठाने के लिए तो आज यहां सभी ज्वालामुखी हैं। वे कल शिवसेना के दशहरा सम्मेलन में बोल रहे थे।
संजय राऊत ने कहा कि यह ज्वालामुखी इस शिवतीर्थ पर धधकती हुई दिखाई दे रही है। ये मशाल जल चुकी हैं। उन्होंने आगे कहा कि आदित्य ठाकरे के भाषण से शिवसेना में नए पर्व की शुरूआत हुई है। शिवतीर्थ पर आयोजित शिवसेना के दशहरा सम्मेलन में कल भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा था। इस दौरान संजय राऊत ने कहा कि यह स्वाभिमानों का महाराष्ट्र है। छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे के विचारों पर चलनेवाला महाराष्ट्र है। उन्हीं निष्ठावानों का यह विराट दशहरा सम्मेलन इस वक्त पूरा देश अनुभव कर रहा है। दो दिन पहले देश के सुपुत्र रतन टाटा का निधन हो गया। अक्सर उद्योगपति के चले जाने से जनता शोक नहीं जताती है, क्योंकि उद्योगपति आम लोगों को अपना नहीं लगता है। लेकिन टाटा के जाने पर पूरा देश शोकाकुल हो गया, क्योंकि कई दशकों से टाटा यानी विश्वास थे। इसी तरह विश्वास का दूसरा नाम ठाकरे है, यह ध्यान रखें। उन्होने कहा कि इसी विश्वास के कारण ही यह महाराष्ट्र इतने तूफानों में भी ठाकरे के साथ खड़ा रहा। जब-जब ठाकरे की तीन पीढ़ियों ने महाराष्ट्र से लड़ने का आह्वान किया तब-तब महाराष्ट्र उनके साथ लड़ाई लड़ने के लिए खड़ा रहा है। महाराष्ट्र ठाकरे के साथ खड़ा है और रहेगा।
आजाद मैदान में मोदी के गुलाम
संजय राऊत ने कहा कि यह देवों का स्थान है। चोरों का स्थान आजाद मैदान में भरा हुआ है। नाम आजाद मैदान और मंच पर सभी मोदी के गुलाम हैं। आजाद मैदान का तो सम्मान रखो। गुलामों का सम्मेलन आजाद मैदान में हो रहा है। शिवतीर्थ पर सम्मेलन को ५०-५५ साल हो गए। माननीय शिवसेनाप्रमुख द्वारा शुरू किया गया यह सम्मेलन है, वहीं दूसरी तरफ वहां आजाद मैदान पर समारोह करनेवालों को सूरत, गुजरात में लेना चाहिए था, क्योंकि उनकी पार्टी का जन्म शिवतीर्थ पर नहीं हुआ है, बल्कि सूरत के गर्भ से हुआ था। हमारी सरकार जब दो महीने बाद आएगी तब बोलेंगे। तब तक जिंदा और बचे रहे तो आपका अपना समारोह सूरत में लीजिए। वही आपका जन्मस्थान है, न कि महाराष्ट्र है। इस तरह का सनसनीखेज शब्दों में उन्होंने घातियों पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि चुनाव का रिजल्ट हरियाणा में लगता है और फडणवीस पेड़े महाराष्ट्र में बांटते हैं। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि हरियाणा की तरह ही हम महाराष्ट्र में भी जीत हासिल करेंगे। रिजल्ट वहां लगा है और ये यहां छाती फुलाकर चल रहे हैं। संजय राऊत ने कहा कि चुनाव होने दीजिए आपकी छाती की हवा आलपिन चुभोकर निकालेंगे। उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा का रिजल्ट बहुत ही इंट्रेस्टिंग है। सुबह दस बजे तक कांग्रेस आगे चल रही थी और १२ बजते ही भाजपा ने सरकार बना ली। यह चमत्कार वैâसे हुआ। भाजपा को ३९.९ फीसदी, जबकि कांग्रेस को ३९.३ फीसदी वोट मिले। केवल प्वाइंट छह फीसदी का अंतर है और केवल इतने अंतर पर ही भाजपा को ३० सीटों पर लाभ हुआ है। यह बात किसी को हजम नहीं हो रही है। यह ईवीएम घोटाला है। चोरों-लुटेरों के सिवाय हरियाणा में कांग्रेस की पराजय नहीं हो सकती है। हरियाणा में जो घटा, वह महाराष्ट्र में नहीं होगा। यह महाराष्ट्र अलग दिशा और मार्ग पर चल रहा है। इस तरह का विश्वास संजय राऊत ने व्यक्त किया।