सामना संवाददाता / मुंबई
गद्दारी केवल शिवसेना और राकांपा के साथ नहीं हुई है, बल्कि महाराष्ट्र से हुई है। महाराष्ट्र मोदी-शाह के गुलामों का कॉलोनी हो गया है। इस तरीके से सरकार चलाई जा रही है। हर चीज की दुर्दशा शुरू हो गई है इसलिए यह सरकार गिरानी ही पड़ेगी। इस तरह का संकल्प शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल महाविकास आ घाड़ी के संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में लिया।
राज्य में विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि पर महाविकास आघाड़ी की मुंबई के बांद्रा-पश्चिम स्थित होटल ताज लैंड्स एंड में संयुक्त पत्रकार परिषद हुई। इस कॉन्फ्रेंस में मविआ ने राज्य की महाभ्रष्ट युति सरकार के काले कारनामे वाले गद्दारों का पंचनामा सार्वजनिक किया। इस दौरान राकांपा (शरदचंद्र पवार) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, विधानसभा में विरोधी पक्षनेता विजय वडेट्टीवार, मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष व सांसद वर्षा गायकवाड, शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत, सांसद अरविंद सावंत, सुप्रिया सुले, अनिल देसाई, शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे, प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन व प्रशासन नाना गावंडे आदि उपस्थित थे। इस पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा और घाती सरकार की जमकर खबर ली। बाबा सिद्दीकी की हत्या पर बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुंबई एकमात्र ऐसा शहर है, जहां दो पुलिस आयुक्त हैं। पांच और बढ़ा दो, लेकिन कामकाज का क्या?
जनता की सुरक्षा नहीं कर रहे!
कुछ महीने पहले हमारे प्रतिभाशाली युवा अभिषेक घोसालकर की हत्या कर दी गई। यह जिम्मेदारी गृह मंत्री की है। गृह मंत्री बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाते हैं, लेकिन कामकाज की जिम्मेदारी नहीं लेते।
मुंबई में महिला, राजनेता, सत्ताधारी पक्ष के नेता भी असुरक्षित हैं फिर आम जनता कैसे सुरक्षित रह सकती है? गद्दारों, गद्दारों के परिवारों, गद्दारों के सेवकों को जितनी सुरक्षा दी गई है, सरकार उतनी सुरक्षा जनता के लिए क्यों नहीं इस्तेमाल कर रही है? विज्ञापनबाजी पर जितने पैसे उड़ा रहे हो, उतना जनता की सुरक्षा पर क्यों नहीं लगा रहे हो? इस तरह का सवाल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने महायुति सरकार से पूछा है। कल महाविकास आघाड़ी द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वे बोल रहे थे।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि कुछ महीने पहले हमारे प्रतिभाशाली युवा अभिषेक घोसालकर की हत्या कर दी गई। यह जिम्मेदारी गृह मंत्री की है। गृह मंत्री बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाते हैं, लेकिन कामकाज की जिम्मेदारी नहीं लेते। उस वक्त जब फडणवीस से इस्तीफा देने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि कल को अगर ट्रेन के नीचे कुत्ते भी आ जाएं तो भी आप हमारा इस्तीफा मांगेंगे। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि अगर आप आम लोगों की जिंदगी की तुलना कुत्तों से करते हैं तो आप शासक बनने के लायक नहीं हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि निष्क्रिय सरकार का आरोपपत्र हम जनता की अदालत में रख रहे हैं। जनता जनार्दन बिल्कुल इसका फैसला करेगी, इसका हमें पूरी तरह से विश्वास है। उन्होंने कहा कि हम जनता के लिए लड़ते रहेंगे। हम महाराष्ट्र को किसी का गुलाम नहीं बनने देंगे। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि शाहू, फुले, आंबेडकर का महाराष्ट्र मोदी-शाह का नहीं होने देंगे, यह शपथ लेकर हम मैदान में उतरे हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि एक-दो दिन में चुनाव की घोषणा हो जाएगी।
चोरों और गद्दारों को मानना पड़ रहा नेता
उद्धव ठाकरे ने कहा कि पुलिस का इस्तेमाल गद्दारों की सुरक्षा के लिए किया जा रहा है। गृहमंत्री ये बताएं कि आम जनता की सुरक्षा के लिए कितनी पुलिस है? गद्दारी करते हुए ‘खोके’ लेकर उनके पास आए हुए लोगों के साथ ही उनके परिवारों को कितनी सुरक्षा दी है? भाजपा की इतनी दयनीय स्थिति हो गई है कि चोरों और गद्दारों को नेता मानना पड़ रहा है। क्या उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे? उद्धव ठाकरे ने कहा कि अंग्रेजों के तोड़ो, फोड़ो और राज करो की नीति को भाजपा इस्तेमाल कर रही है। उनके झांसे में महाराष्ट्र नहीं फंसेगा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारा हिंदुत्व हृदय में राम और हाथ में काम वाला है। धार्मिक भावनाओं को भड़का कर क्या मिलेगा? जाति-पांति में दरार पैदा करने से अंतत: चूल्हा नहीं घर जलेगा। हमें घर नहीं चूल्हा जलाना है। उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि कश्मीर का पैâसला हरियाणा के साथ हुआ है। कश्मीर में भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ उस पर हम बोल रहे हैं।
अपराधियों पर ध्यान क्यों नहीं?
उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह गंभीर मामला है कि सरकार की हर कार्रवाई पर सवाल उठाया जाता है। चाहे कल की गिरफ्तारी हो या शिंदे पर चली गोलियां हों, इस सरकार से विश्वास उठ गया है। आम लोग पूछने लगे कि सरकार जो कर रही है, वह सही है या गलत और यही सरकार की विफलता है। उन्होंने कहा कि मुंबई में दो-दो पुलिस कमिश्नरों और खुफिया एजेंसी के होते हुए जितना ध्यान हम पर है, उतना अपराधियों पर क्यों नहीं है? आईबी, सीबीआई का इस्तेमाल विरोधियों को खत्म करने के लिए कर रहे हो और अपराधी खुलेआम घूमते रहे हैं। मविआ के ढाई साल के कार्यकाल में सांप्रदायिक कलह पैदा करने की कोशिश की गई थी, लेकिन महाराष्ट्र में कहीं भी जातीय दंगा नहीं हुआ। इसलिए अंतिम उपाय के रूप में वे सांप्रदायिक दंगे कराने की कोशिश में हैं और उस पर अपनी रोटियां सेंक रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र की जनता समझदार है। इस वजह से उनके प्रयास अब तक सफल नहीं हुए हैं और न होंगे।