सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार ने कैबिनेट में ताबड़तोड़ फैसले तो ले लिए, लेकिन उनमें से कितने लागू होंगे, यह कह पाना संभव नहीं है। महाराष्ट्र के प्रशासन की पूरे देश में प्रतिष्ठा थी, लेकिन महायुति सरकार के दौरान यह प्रशासनिक व्यवस्था नष्ट हो गई। इस वजह से महाराष्ट्र को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। महाराष्ट्र को उन लोगों के हाथों से बचाना है, जो प्रशासन व्यवस्था को नष्ट कर रहे हैं। इस तरह का जोरदार हमला राकांपा (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार ने महायुति सरकार पर किया है।
कांग्रेस द्वारा बंजारा समाज को कुछ नहीं देने के आरोप की खबर लेते हुए शरद पवार ने कहा कि कांग्रेस ने बंजारा समाज को दो बार राज्य का नेतृत्व करने का मौका दिया है। वसंतराव नाईक को ११ साल के लिए मुख्यमंत्री पद दिया। इसी के साथ ही सुधाकर नाईक को भी मुख्यमंत्री बनाया गया। शरद पवार ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। हरियाणा नतीजे पर एक सवाल का जवाब देते हुए शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के लोग राज्य में बदलाव देखने के लिए उत्सुक हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान भी यही तस्वीर थी। शरद पवार ने विश्वास जताया कि विधानसभा में भी इसी तरह के नतीजे आएंगे।
महाराष्ट्र में लोग चाहते हैं बदलाव
दो दिन में आचार संहिता और चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी जाएगी। मैं लगातार महाराष्ट्र में घूम रहा हूं। मेरे साथी भी घूम रहे हैं। मेरा मानना है कि महाराष्ट्र के लोग बदलाव के लिए उत्सुक हैं। लोकसभा के दौरान यह साफ हो गया कि लोग बदलाव चाहते हैं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसे एक बार फिर से विधानसभा में दोहराया जाएगा। यह बात राकांपा (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार ने कही। वे कल महाविकास आघाड़ी द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्प्रâेंस में बोल रहे थे। इस प्रेस कॉन्प्रâेंस में महाविकास आघाड़ी में मुख्यमंत्री पद के सवाल का जवाब देते हुए माविआ के नेताओं ने कहा कि माविआ में नेतृत्व का कोई मुद्दा नहीं है। हममें कुर्सी को लेकर कोई विवाद नहीं है। इस पर हमारी आम सहमति है। यह चुनाव माविआ बनाम महायुति है।