सामना संवाददाता / नई दिल्ली
वाराणसी की मशहूर नाटी इमली के भरत मिलाप लीला के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस नाकाम साबित हुई। इसके बाद भीड़ का दबाव और बढ़ने पर श्रीराम का विमान उठानेवाले यादव कुमारों पर ही धक्का-मुक्की करनी शुरू कर दी। कुछ ही देर में वहां पर भगदड़ मच गई। अब इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर तंज कसा है।
सपा मुखिया ने कहा, ‘देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द की परंपरा को खंडित करने का प्रयास भाजपा सरकार की संकीर्ण राजनीति का प्रतीक है। यहां मची भगदड़ भाजपाइयों की बदइंतजामी का प्रमाण है, जो नहीं चाहते हैं कि भाईचारे के ऐसे आयोजन सफल हों। ‘पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बनारस के ‘नाटी इमली के भरत मिलाप’ की ४८० साल से चली आ रही परंपरा में यदुकुल के कंधे पर ही रघुकुल का मिलन होता आ रहा है। सूर्यवंशी-चंद्रवंशी के आपसी प्रेम-स्नेह के बीच कमलवंशी लोग सियासी दरार पैदा कर रहे हैं। अखिलेश ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि गोरखधंधे में व्यस्त उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार जहां बैरिकेडिंग की जानी चाहिए, वहां तो नहीं करती है और जहां नहीं की जानी चाहिए वहां करती है।’
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने भरत मिलाप में लाठीचार्ज व भगदड़ पर रोष व्यक्त किया है। दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि लीला में लाठीचार्ज भाजपा के जंगलराज की झांकी है। इसने सरकार के सत्य चरित्र को उजागर किया है। भाजपा सरकार ने पूरे प्रदेश को जंगलराज में तब्दील कर दिया है। भरत मिलाप लीला में यादव बंधुओं को संख्या के आधार पर क्यों रोका गया? क्या प्रशासन खुद भगदड़ को आमंत्रित कर रहा था? उसके बाद लाठीचार्ज करना अशोभनीय है।