धीरेंद्र उपाध्याय
अस्थमा, स्लीप एपनिया और मधुमेह से पीड़ित एक ४२ वर्षीया महिला की सफलतापूर्वक बॅरिएट्रिक सर्जरी की गई है। सर्जरी के बाद महिला ने छह महीने में ९० किलो वजन कम किया है। सैफी, नमहा और अपोलो अस्पताल के बॅरिएट्रिक और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. अपर्णा गोविल भास्कर ने महिला की सर्जरी की है।
नफीसा खान (बदला हुआ नाम) बढ़ते वजन से परेशान थी। नफीसा को उच्च रक्तचाप और मधुमेह की समस्या थी। ३८ वर्ष में उसका हृदय संबंधी बीमारी का निदान हुआ। वजन बढ़ने के कारण उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। जब उसका वजन १२५ किलोग्राम से अधिक हो गया, तो उसके लिए लेटना असंभव हो गया। उसे सांस लेने के लिए पूरी रात बैठना पड़ता था और छोटी दूरी तक चलने में भी उसकी सांस फूल जाती थी। कई बार ऐसा होता था कि वह अपने परिवार के साथ बातचीत करते-करते सो जाती थी। उसकी बिगड़ती हालत को देखकर परिवारवालों ने उसे डॉ. अपर्णा गोविल भास्कर को दिखाया। डॉ. अपर्णा ने उन्हें बॅरिएट्रिक सर्जरी की सलाह दी। सर्जरी के बाद अब महिला की सेहत में सुधार हो रहा हैं।
बॅरिएट्रिक और लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. अपर्णा गोविल भास्कर ने कहा कि जब नफीसा हमारे पास आई, तो उसका वजन १३० किलोग्राम था और उसका बीएमआई ६३.८ किलोग्राम/मी था। वह कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थी। वर्तमान में वह मधुमेह के लिए कोई दवा नहीं ले रही है और उसके रक्तचाप के लिए दवाओं की संख्या कम हो गई है। नफीसा खान ने कहा कि वजन बढ़ने के कारण मुझे बिना सहायता के खड़े होने या चलने में कठिनाई होती थी, लेकिन डॉ. अपर्णा गोविल भास्कर के इलाज के कारण मुझे नई जिंदगी मिली है।