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समाज के सिपाही :  पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए समाजसेवा को बनाया मकसद!

अशोक तिवारी

कहते हैं पिता की छाया बेटे पर जरूर पड़ती है। मुंबई के साकीनाका में रहनेवाले श्रीप्रकाश शुक्ला की कहानी भी कुछ इस तरह ही है। उन्होंने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए समाजसेवा को अपने जीवन का मकसद बनाया और कामयाबी भी हासिल की। श्रीप्रकाश शुक्ला बताते हैं कि आज से करीब ७० वर्ष पहले उनके दादा उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मछलीशहर तहसील के बेलवार बाजार के कुसमौल गांव से मुंबई शहर में रोजी-रोटी कमाने के लिए आए थे। उनके दादा मुंबई शहर में टैक्सी चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। दादा के बाद करीब ५० वर्ष पहले उनके पिता श्याम नारायण शुक्ला कुसमौल से आए और मुंबई शहर में उन्होंने १५ वर्षों तक टैक्सी चलाई। उसके बाद उन्होंने को-ऑपरेटिव सोसायटी की शुरुआत साकीनाका में की। श्याम नारायण शुक्ला का अपने गांव के प्रति बहुत लगाव था। वे गांव में हमेशा गरीब बच्चियों की शादी करवाया करते थे। श्याम नारायण शुक्ला गांव वालों के बीच इतने लोकप्रिय थे कि गांववालों ने दो पंचवर्षीय योजना में उन्हें निर्विरोध प्रधान के रूप में चुना। श्रीप्रकाश शुक्ला बताते हैं कि उनका जन्म मुंबई शहर में हुआ और मुंबई में उन्होंने १२वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद वर्ष १९९६ में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय शुरू किया। उनका यह व्यवसाय अच्छा-खासा चल निकला। इसके बाद श्रीप्रकाश शुक्ला ने मुंबई के मालाड में पेट्रोलियम का व्यवसाय शुरू किया। श्रीप्रकाश ने वर्ष २०१७ में शिवसेना से कुर्ला से कॉर्पोरेशन का चुनाव लड़ा, जहां पर मात्र १,१०० वोटों से हार गए। वर्ष २०२१ में श्रीप्रकाश शुक्ला ने उत्तर प्रदेश के अपने पैतृक गांव से ब्लॉकप्रमुख का चुनाव जीत लिया। मुंबई शहर में श्रीप्रकाश शुक्ला उत्तर भारतीयों की मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं। कोरोना महामारी के दौरान साकीनाका क्षेत्र की झोपड़पट्टियों में उन्होंने बड़े पैमाने पर राशन, कपड़े और दवाइयों का वितरण गरीबों के बीच करवाया था। श्रीप्रकाश शुक्ला बताते हैं कि वर्ष २०१७ में जब शिवसेना ने उन्हें कॉर्पोरेशन का टिकट दिया था, तो वे पूरे मुंबई शहर में एकमात्र उत्तर भारतीय थे, जिन्हें शिवसेना ने अपना उम्मीदवार बनाया था। वर्तमान में श्रीप्रकाश शुक्ला साकीनाका के मानव विकास स्कूल में ट्रस्टी के पद पर कार्यरत हैं, जिसमें वे गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा दिलाते हैं। उत्तर प्रदेश के सुजानगंज ब्लॉक में शुक्ला ने जनहित के कई काम कराए हैं, जिसकी वजह से उनकी लोकप्रियता मुंबई से ज्यादा गांव में बढ़ गई है।

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