– जच्चा-बच्चा की छीन ली जिंदगी
– अब तक हो चुकी हैं कई घटनाएं
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
राज्य में ‘घाती’ सरकार के आने के बाद से ही स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। आलम यह है कि घाती राज में धरती के भगवान कहे जानेवाले चिकित्सक ही भक्षक बनते हुए नजर आ रहे हैं। कुछ इसी तरह की कहानी मुख्यमंत्री के शहर ठाणे के जिला सिविल अस्पताल में सामने आई है, जो लाडली बहनों के लिए कब्रगाह बनता जा रहा है। आरोप है कि प्रसूति के दौरान यहां सेवारत चिकित्सक की ओर से बरती गई घोर लापारवाही ने जच्चा और बच्चा दोनों की ही जिंदगियां छीन ली है। आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि चिकित्सक की इस लापरवाही के चलते पहले भी दो और जच्चे-बच्चे की मौत हो चुकी है।
मिली जानकारी के मुताबिक, ठाणे के वागले इस्टेट स्थित हजूरी में रहनेवाले रामलौटन राजभर की २५ वर्षीय बेटी आरती राजभर गर्भवती थी। वह अपनी मां के साथ अस्पताल की ओपीडी में तो जरूर जाती थी, लेकिन डॉक्टर चेकअप नहीं करते थे। इस वजह से उन्हें वापस लौटना पड़ता था। नौवां महीना लगने के बाद भी अस्पताल में यह सिलसिला चलता रहा। इस बीच दिक्कत ज्यादा बढ़ने पर माता-पिता उसे भर्ती कराने के लिए अस्पताल ले गए, लेकिन उसे भर्ती नहीं किया गया, बल्कि प्रसव पीड़ा से कराह रही महिला को चार से पांच घंटों तक बिठाए रखा गया। इस बीच अस्पताल प्रशासन पर डाले गए दबाव के बाद उसे भर्ती किया गया लेकिन उसके इलाज में लापरवाही बरती गई। उसकी हालात बिगड़ते जा रही थी, ऐसे में उसका तत्काल सिजेरियन करना चाहिए था। लेकिन यह प्रक्रिया दूसरे दिन यानी रविवार शाम पांच बजे की हुई। सिजेरियन के समय बच्ची मरी हुई पैदा हुई, जबकि, इसके करीब पांच घंटे के बाद मां की भी मौत हो गई।
कब होगी कार्रवाई?
चिकित्सक की इस घोर लापरवाही पर संज्ञान लेते हुए उसे तत्काल अस्पताल से सेवा समाप्त करते हुए वापस उपनिदेशक कार्यालय में भेज दिया गया है। साथ ही अभद्रता से बात करनेवाली नर्सों की पहचान की जा रही है। उनके खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। इसी के साथ ही मामले की समिति के माध्यम से जांच कराई जाएगी।
पहले भी हो चुकी है दो की मौत
अस्पताल की एक नर्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. श्रेया शेलके की लापरवाही करीब दो महीनों में इसी तरह से दो और जच्चा-बच्चा को मौत की नींद सुला चुकी है। उसने बताया कि पेट में पल रहे बच्चे की जब धड़कन धीमी चलने लगती है तो डॉक्टर शेलके प्रसूताओं को ऑपरेशन थियेटर में सिजेरियन के लिए ले जाती थी। इसी वजह से इसके साथ तीन जच्चा-बच्चा की मौत हो चुकी है।