पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध जैव विविधता का उत्कृष्ट नमूना
सामना संवाददाता / मुंबई
ठाकरे वाइल्ड लाइफ फाउंडेशन द्वारा एक और नया शोध किया गया है, जिसकी विश्व प्रसिद्ध पत्रिका ‘फोर्ब्स’ ने सराहना की है। फाउंडेशन को अरुणाचल प्रदेश में सुबानसिरी नदी की तलहटी से छिपकली की एक नई प्रजाति की खोज करने में बड़ी सफलता मिली है। नई प्रजाति को जीनस ‘कैलोटस’ में शामिल किया गया है और इसे ‘कैलोटस सिनिक’ नाम दिया गया है। इस खोज को पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध जैव विविधता की उत्कृष्ट नमूना माना जाता है।
हिमालय पर्वतों से बहने वाली सुबानसिरी नदी की तलहटी से गिरगिट की एक नई प्रजाति की खोज की गई। यह प्रजाति समुद्र तल से १,२०० मीटर ऊपर पहाड़ों पर जंगलों में पाई गई है। अरुणाचल प्रदेश की ‘टैगिन’ जनजाति के लोग सुबानसिरी नदी को ‘सिनिक’ नदी कहते हैं।
सिनिक नदी की तलहटी में मिली ‘कैलोटस सिनिक’!
ठाकरे वाइल्ड लाइफ फाउंडेशन की नई खोज
अरुणाचल प्रदेश में सिनिक नदी की तलहटी में गिरगिट की एक नई प्रजाति का पता चला है। नदी की तलहटी में गिरगिट की यह नई प्रजाति की खोज की गई है और इसे ‘वैâलोटस सिनिक’ नाम दिया गया है। यह प्रजाति आकार, शरीर पर धारी की संरचना, पेट पर धारियों की संख्या और विशिष्ट जीन सेट के आधार पर अन्य प्रजातियों से भिन्न है। गिरगिट की यह प्रजाति दिनचर है और मुख्यत: पेड़ों पर रहती है। रात के समय ये गिरगिट पेड़ों की छोटी शाखाओं या तनों पर आराम करती हैं। यह खोज ठाकरे वाइल्ड लाइफ फाउंडेशन के शोधकर्ताओं ने की है। ठाकरे वाइल्ड लाइफ फाउंडेशन के शोधकर्ताओं ने कहा कि छोटे कीड़े उनका मुख्य भोजन हैं।
ठाकरे वाइल्ड लाइफ फाउंडेशन ने पिछले १० महीनों में छिपकलियों, गिरगिटों, स्किंक आदि २० से अधिक प्रजातियों की खोज की है। अप्रैल में गोल आंखों वाली छिपकलियों की दो नई प्रजातियों की खोज की गई। विश्व प्रसिद्ध पत्रिका ‘फोर्ब्स’ ने उन पर संज्ञान लिया था।
तेजस ठाकरे के साथ अन्य शोधकर्ताओं को सफलता
शोध में ठाकरे वाइल्ड लाइफ फाउंडेशन के शोधकर्ता हर्षिल पटेल, तेजस ठाकरे, अक्षय खांडेकर और ईशान अग्रवाल के साथ ही वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सोसायटी बंगलुरु के शोधकर्ता चिंतन शेठ ने भाग लिया। नई ड्रैगन गिरगिट की खोज इस टीम की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
जैव विविधता के मामले में अरुणाचल प्रदेश में बहुत कम अध्ययन किया गया है। अरुणाचल प्रदेश में शोध कार्य की काफी संभावनाएं हैं। इसके तहत ठाकरे फाउंडेशन का भविष्य में इस क्षेत्र में शोध अभियान जारी रखने की योजना है।
-अक्षय खांडेकर, शोधकर्ता