उमेश गुप्ता/वाराणसी
ज्ञानवापी मामले के मूल वाद 1991 आदि विशेश्वर बनाम अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के प्रकरण को लेकर बुधवार को सीनियर जज सिविल डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई। मुस्लिम पक्ष ने अपनी बहस पहले ही पूरी कर ली थी। इयुगुल शम्भू की कोर्ट में आज हिंदू पक्ष को अपनी बहस को आगे बढ़ाना था। वादमित्र विजय शंकर रस्तोगी ने पूरे परिसर के पुनः पुरातत्व सर्वेक्षण को लेकर बहस को आगे बढ़ाया गया।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता ने श्रृंगार गौरी मामले में किए गए सर्वे को अधूरा बताते हुए मुख्य गुंबद के नीचे आदि विशेश्वर विराजमान होने की बात कही। इसके साथ ही मुख्य गुंबद से 100 मीटर की दूरी पर खुदाई करके रडार तकनीक के जरिए उस स्थान पर पहुंचकर नीचे वर्तमान स्थिति का पता लगाने की गुजारिश की है। इसके अलावा वजूखाने के अंदर मिले कथित शिवलिंग और उसके आसपास के एरिया के भी पुरातत्व सर्वेक्षण की मांग को रखा। हालांकि इस मामले में मुस्लिम दो दिन पहले विरोध करते हुए अपनी बहस को पुनः करने की बात कही है। जिस पर 19 अक्टूबर को कोर्ट ने अगली तिथि निर्धारित की है।