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एमएमआरडीए की थूकपट्टी… दो महीने में ही बदहाल हो गई फोर्ट की सड़क! …मेट्रो ३ का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद बनी थी

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो को आरे कॉलोनी से कोलाबा तक बनाया जा रहा है। इसमें आरे और बीकेसी के बीच १२.५ किमी लंबा मेट्रो मार्ग शुरू हो चुका है। दूसरे चरण की २१ किमी लंबी बीकेसी से कोलाबा तक मेट्रो सेवा जल्द शुरू होने वाली है। इस परियोजना में कितना भ्रष्टाचार है और ठेकेदार कितने निम्न दर्जे का काम कर रहे हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सीएसटी से फाउंटेन के बीच खुदाई के बाद बनी सड़क दो महीने में बदहाल हो चुकी है। इस सड़क पर गड्ढे पड़ने लगे हैं। जगह-जगह मनपा ने उसे पाटने के लिए सीमेंट से ढका है। सड़क की हालात खराब होने से आम नागरिक भी टेंशन में आ गए हैं। लोगों के मन में ठेकेदारों की मनमानी और भ्रष्टचार को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
बता दें कि इस भूमिगत मेट्रो परियोजना के दूसरे चरण का काम भी ९५ प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है। इस मेट्रो रेल परियोजना के लिए एमएमआरडीए और राज्य सरकार ने मिलकर ३७ हजार करोड़ रुपए खर्च किए हैं। उसके बावजूद इस परियोजना के तहत सड़कों की मरम्मत बेहद घटिया तरीके से की गई है। इस बारे में मेट्रो लाइन के ड्यूटी पर तैनात सीनियर इंजीनियर अमित जुनेजा ने बताया कि सड़कों को बारिश के दौरान बनाया गया था, उस समय बारिश होने से डामर की सड़कें कुछ हद तक खराब हो गई हैं। इन गड्ढों को पाटा गया है, लेकिन भविष्य में काम पूरा होने के साथ ही इसे पूरी तरह से दुरुस्त किया जाएगा। मेट्रो-३ के एक हिस्से तक मेट्रो सेवा शुरू हो गई है। दूसरे भाग पर भी जल्द ही ट्रेन का ऑपरेशन शुरू होगा, क्योंकि अब महज मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त की मंजूरी मिलनी बाकी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए २ मंजूरियों की आवश्यकता थी। इसमें से उन्हें रोलिंग स्टॉक के लिए पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, जबकि रेल लाइन के लिए आवेदन स्वीकृति के लिए लंबित है।

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