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सर्वेक्षण के नाम पर धारावीकरों को भी `रेवड़ी’ …चुनाव आयोग तक पहुंची बात


– तत्काल सर्वे रोकने की अपील

सामना संवाददाता / मुंबई
धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) ने धारावी पुनर्विकास परियोजना के तहत धारावी में सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। घरों के ऊपरी मंजिल का सर्वेक्षण करते समय निवासियों को चुनावी `रेवडी’ दिया जा रहा है। इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए धारावी बचाओ समिति ने महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से लिखित शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत में यह मांग की गई है कि इस सर्वे को तत्काल रोका जाए और आचार संहिता का उल्लंघन करने पर संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
राज्य सरकार ने एशिया की सबसे बड़ी झोपड़पट्टी के रूप में मशहूर धारावी को बदलने के लिए धारावी पुनर्विकास परियोजना शुरू की है। इस प्रोजेक्ट का ठेका अडानी ग्रुप को दिया गया है। इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए अडानी समूह और राज्य सरकार के बीच एक संयुक्त करार के रूप में डीआरपीपीएल की स्थापना की गई है। धारावी पुनर्विकास परियोजना डीआरपीपीएल के माध्यम से शुरू की जा रही है। राज्य सरकार ने पुनर्विकास में धारावी के पात्र निवासियों के साथ-साथ अपात्र निवासियों यानी ऊपरी मंजिल के निवासियों को भी समायोजित करने का निर्णय लिया है।
आवास परियोजना के तहत अपात्र निवासियों को धारावी के बाहर घर दिए जाएंगे। इन घरों के लिए हाल ही में सैकड़ों हेक्टेयर खार भूमि उपलब्ध कराई गई है। इस बीच, धारावी के निवासियों की पात्रता के निर्धारण के अनुसार पिछले कुछ महीनों से धारावी में निर्माणों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। अब भी डीआरपीपीएल के जरिए धारावी में निर्माणों का सर्वे जारी है। हालांकि, धारावी बचाओ समिति ने आरोप लगाया है कि इस सर्वेक्षण के नाम पर निवासियों और मतदाताओं को लालच दिया जा रहा है। सर्वे के दौरान ऊपरी मंजिल वालों को मकान देने का लालच दिया जा रहा है।

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