– टैक्स देने में पांचवें नंबर पर है पीएम का राज्य, तोहफे पाने में अव्वल
सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र से सर्वाधिक टैक्स वसूल किया जाता है। केंद्र को टैक्स देने में पांचवे नंबर पर रहने वाला पीएम का राज्य गुजरात तोहफे पाने यानी सौगात पाने में अव्वल है। केंद्र के इस भेदभाव की पोल केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने खोली है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा जारी कर संग्रह के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष २०२३-२४ में उत्तर प्रदेश ने कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में केवल ४८,३३३.४४ करोड़ रुपए का योगदान दिया।
सीबीडीटी ने डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन को लेकर डेटा जारी किया है। आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष २०२३-२४ में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से प्रत्यक्ष कर संग्रह १९.६२ लाख करोड़ रुपए रहा। इसमें सबसे ज्यादा योगदान महाराष्ट्र का है।
महाराष्ट्र ने इस वित्तीय वर्ष में ७,६१,७१६.३० करोड़ रुपए (७.६२ लाख करोड़) टैक्स का भुगतान किया है। यानी कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी ३९ फीसदी है। उत्तर प्रदेश की तुलना में महाराष्ट्र सरकारी खजाने में १५ गुना अधिक कर देता है। प्रत्यक्ष कर संग्रह में आयकर, कॉर्पोरेट कर और प्रतिभूति लेन-देन कर (एसटीटी) शामिल हैं।
प्रत्यक्ष कर भुगतान के मामले में कर्नाटक महाराष्ट्र के बाद दूसरे स्थान पर है। कर्नाटक ने वित्त वर्ष २०२३-२४ में २.३५ लाख करोड़ रुपए का टैक्स चुकाया है। तीसरे स्थान पर दिल्ली है, दिल्ली ने प्रत्यक्ष कर के रूप में सरकारी खजाने में २.०३ लाख करोड़ रुपए का योगदान दिया है। वित्तीय वर्ष २०२३-२४ में तमिलनाडु ने प्रत्यक्ष कर के रूप में १.२७ लाख करोड़ रुपए का योगदान दिया है। गुजरात ९३,३०० करोड़ रुपए के योगदान के साथ पांचवें स्थान पर और तेलंगाना ८४,४३९ करोड़ रुपए के योगदान के साथ छठे स्थान पर है।