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भाजपा विधायक धाकड़ का अपने ही शिक्षा मंत्री पर पलटवार, बोले शिक्षकों का अपमान नहीं होना चाहिए

रमेश सर्राफ धमोरा / जयपुर
राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले की बेगूं सीट से भाजपा विधायक डॉ. सुरेश धाकड़ ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के शिक्षकों के कम कपड़े पहनकर स्कूल आने के बयान पर पलटवार करते हुये विरोध में उतर गए हैं। बेगूं विधायक डॉ. सुरेश धाकड़ ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के बयान को लेकर कहा लोग हमें टोकते हैं और कहते हैं कि तुम्हारा शिक्षा मंत्री कैसे बयान दे रहा है।

शनिवार को बेगूं में पीएम श्री राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में जिला स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता के शुभारंभ कार्यक्रम में बोलते हुए विधायक सुरेश धाकड़ ने कहा कि स्कूल में अध्यापक बहुत मेहनत करते हैं। हमारे शिक्षा मंत्री दिलावर इधर-उधर बयान दे देते हैं तो आप लोग बुरा मत मानना। लेकिन उन्हे ऐसा नहीं बोलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई चाहे कितनी बड़ी पोस्ट पर चला जाए। लेकिन मैं तुम्हारी आलोचना करूं इससे बेहतर है कि मैं तुम्हें सुधारने के लिए कोई नियम बना दूं, यह मेरी जिम्मेदारी होनी चाहिए। अगर कोई नियम या कानून लागू करना है तो कर दो। लेकिन अनर्गल बयानबाजी कर लोगों को हतोत्साहित नहीं करना चाहिए।

विधायक धाकड़ बोले मैं मुख्यमंत्री से भी आग्रह करूंगा कि वे शिक्षा मंत्री को बुलाकर सलाह दें कि शिक्षकों का अपमान नहीं होना चाहिए। अगर सुधार करना है और ड्रेस कोड लागू करना है तो एक आदेश निकालो। यह ड्रेस पहननी होगी और साल की दो ड्रेस राजस्थान सरकार गिफ्ट के रूप में देगी जिसे पहनकर आना है। शिक्षक खुद इसका स्वागत करेगा। इसके बाद भी कोई शिक्षक नौटंकी करता है तो उसका इलाज करो कौन रोकता है। लेकिन आप सुधार का मौका नहीं देते हो, सुझाव नहीं देते हो और केवल अनर्गल बयानबाजी करते हो। मैं बयान की सरेआम निंदा करता हूं, ऐसा नहीं होना चाहिए। इससे बीजेपी की और प्रधानमंत्री की बदनामी होती है। बहुत से लोगों ने मुझे टोका कि तुम्हारा शिक्षा मंत्री क्या बोल रहा है, बताओ मैं क्या जवाब दूं। ऐसा नहीं होना चाहिए।

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर 16 अक्टूबर को नीमकाथाना के नृसिंहपुरी गांव में स्कूल भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में गए थे। समारोह में उन्होंने कहा था कि कई शिक्षक-शिक्षिकाएं पूरा शरीर दिखाकर स्कूल जाते हैं। इससे बच्चे और बच्चियों पर अच्छा संस्कार नहीं पड़ता। इन लोगों को सोचना चाहिए कि मैं शिक्षिका, शिक्षक हूं। हमें कैसा पहनावा पहनना चाहिए, क्या खाना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों से कहा था कि हमारा आचरण ऐसा रहे कि बिना कुछ बोले भी बच्चे हमसे संस्कार ले सकें। अपने इस बयान का विरोध होने पर दिलावर ने 17 अक्टूबर को जोधपुर में सफाई देते हुए कहा था कि मैंने यही कहा था कि टीचर स्कूल में कम कपड़े पहन कर आते हैं। इसके पीछे का भाव ये था कि सभी टीचर अच्छे कपड़े पहनकर आएंगे। टीचर्स को अपने आप को बच्चों के सामने आदर्श के रूप में प्रस्तुत करना पड़ेगा, जिससे बच्चे संस्कार ले सकें।

इसके बाद 18 अक्टूबर को बारां में शिक्षा मंत्री दिलावर ने टीचर्स के कम कपड़े पहनकर स्कूल आने के अपने बयान पर फिर सफाई दी थी। दिलावर ने उनके बयान का विरोध करने वालों को बेवकूफ और मूर्ख बताते हुए कहा था कि वे शिक्षक बेवकूफ हैं, जो मैंने कहा, उसके विरोध में बोल रहे हैं। मैंने ये कहा था कि जो विद्यार्थी है, वो आधा समय अपने अभिभावक, माता-पिता के पास रहता है और आधा समय स्कूल में रहता है, तो मां-बाप और गुरुजनों को ध्यान रखना चाहिए है कि हम कैसा व्यवहार कर रहे हैं। क्या खा रहे हैं, क्या पहन रहे हैं, कैसी हमारी दृष्टि है। इससे बच्चे सीखते हैं। संस्कार दोनों जगह से पाते हैं।
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मंत्री मदन दिलावर अक्सर अपने विवादित बयानो से सरकार व पार्टी को शर्मिंदा करते रहते हैं। पिछले दिनो उनका केबिनेट मंत्री डॉ किरोड़ीलाल मीणा से भी अधिकारियो, कर्मचारियों के स्थानांतरण को लेकर टकराव हुआ था जिसमें मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद उन्हें बैकफुट पर आना पड़ा था। दिलावर की कार्य प्रणाली को लेकर भाजपा विधायकों व नेताओं में ही विरोध हो रहा हैं जो सरकार की कार्यप्रणाली दर्शाता है।

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