मुख्यपृष्ठग्लैमर‘मुझे उनकी काबिलियत पर पूरा भरोसा है!’-सामंथा रुथ प्रभु

‘मुझे उनकी काबिलियत पर पूरा भरोसा है!’-सामंथा रुथ प्रभु

 

जब बात फिल्मों की आती है तो आम दर्शकों की यही धारणा होती है कि फिल्म में एक्शन या स्टंट की सारी जिम्मेदारी सिर्फ हीरो की होगी, लेकिन पिछले कुछ समय से अभिनेत्रियों को एक्शन करते हुए दिखाया जा रहा है। ‘सिंघम अगेन’ में जहां दीपिका पादुकोण पुलिस अफसर की भूमिका में नजर आएंगी, वहीं अमेजॉन प्राइम वीडियो के वेब शो ‘सिटाडेल हनी बनी’ में सामंथा रुथ प्रभु नजर आएंगी। पेश है, सामंथा रुथ प्रभु से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-

शो ‘सिटाडेल हनी बनी’ स्वीकारने की वजह क्या रही?
खुद को ग्लोबली साबित कर चुके अमेजॉन प्राइम वीडियो के दिलचस्प प्रोजेक्ट में भला कौन सा कलाकार काम नहीं करना चाहेगा? दूसरी अहम बात यह कि शो में मैं जासूस महिला का किरदार निभा रही हूं। इस शो को राज एंड डीके ने निर्देशित किया है, जिनके साथ मैं शो ‘पैâमिली मैन’ कर चुकी हूं। इस शो से मेरी काफी सराहना हुई। उसमें भी उन्होंने मुझे एक्शन सीन दिए थे। मुझे उनकी काबिलियत पर पूरा भरोसा है।

इस शो के लिए किस तरह का एक्शन आपने किया है?
अब इसका वर्णन तो नहीं किया जा सकता। मुझे एक्शन रोल देना यह बात पहले मुझे खुद हजम नहीं हुई। जब उनका प्रपोजल मेरे पास आया तो मैंने खुद को पिंच किया। उनसे कन्फर्म किया कि क्या वे वाकई में मुझे एक्शन किरदार दे रहे हैं? मैंने साउथ की फिल्मों में स्ट्रॉन्ग वुमन के किरदार निभाएं हैं, लेकिन मेरा व्यक्तित्व कुछ छुई-मुई सा रहा है। लिहाजा, मुझे खुद नहीं लगा कि कोई मुझे एक्शन रोल के लिए कंसिडर कर सकेगा? मैंने पहली बार वरुण धवन के साथ प्रोजेक्ट किया है।

एक्शन दृश्यों को फिल्माने से पहले आपने काफी ट्रेनिंग ली होगी?
ट्रेनिंग ली, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं क्योंकि इस शो को लॉकडाउन के समय फिल्माया गया। किसी के पास वक्त बहुत नहीं था। स्टंट्स सीन फिल्माते वक्त काफी एहतियात बरती गई। शूटिंग शुरू होने से पहले मैंने काफी मशक्कत की, जिसमें वेट ट्रेनिंग से लेकर थोड़ा-बहुत मार्शल आर्ट पर भी गौर फरमाया। वैसे जो एक्शन सीन मैंने शो ‘पैâमिली मैन’ के लिए परफॉर्म किया था उससे ‘हनी बनी’ वाले एक्शन सीन काफी अलग हैं। दोनों में कोई मैच नहीं है।

अभिनय के अलावा आप सामाजिक प्रतिबद्धता के लिए भी जानी जाती हैं?
अभिनय फुल टाइम व्यवसाय है। हर एक्टर दो-चार प्रोजेक्ट्स में व्यस्त रहता है, जो स्वाभाविक बात है। उन प्रोजेक्ट्स के लिए कलाकार को काफी मेहनत करनी पड़ती है। अगर फिल्म्स में डांस हो तो उसकी प्रैक्टिस करनी पड़ती है। स्टेज शोज, ब्रांड एंडोर्समेंट, पारिवारिक जिम्मेदारियां कई चीजें होती हैं। अपनी फिल्मों की प्रमोशनल एक्टिविटीज भी होती है। कलाकारों की काफी जिम्मेदारियां और आपाधापी वाली जिंदगी होती है। शूटिंग के सिलसिले में भी काफी ट्रैवेलिंग करनी पड़ती है। जो कुछ टाइम बचता है उसमें संभव हो तो समाज के हित में कुछ काम करती रहती हूं। मैंने एक चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया है जिसका नाम है ‘प्रत्युषा’। अपने ट्रस्ट के जरिए मैं समाजसेवा का काम करती हूं।

अपने करियर से कितनी संतुष्ट हैं आप?
२०१४ में मेरे करियर की शुरुआत गौतम वासुदेव मेनन की तेलुगू फिल्म से हुई। इस हिसाब से मेरे करियर को १४ वर्ष पूरे हो चुके हैं। इन १४ वर्षों में मैंने बहुत कुछ पाया है। अपनी फिल्मों के विभिन्न किरदारों से ग्रो हुई हूं। अपनी १४ वर्षों की जर्नी से खुश हूं। उम्मीद यही है कि मुझे अधिक से अधिक महिला प्रधान किरदार मिले, जिन्हें निभाकर अभिनय का मुझे दोगुना मजा मिले।

हिंदी और साउथ की फिल्मों में कितना फर्क महसूस करती हैं?
मुझे ऐसा कोई फर्क नहीं लगता। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि मैंने हिंदी सीखी है। मैं अच्छे से जानती हूं इस प्यारी भाषा को। मैंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस वीडियो को साझा किया है। मैंने पब्लिक प्लेटफॉर्म पर जब हिंदी में बात की बहुत तालियां मिली। मुझसे कोई हिंदी में बात करता है तो मेरा जवाब बिलकुल हिंदी में ही होता है। अब पैन इंडियन फिल्मों को फोकस किया जाता है और मैं भी पैन इंडियन एक्ट्रेस हूं।

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