मुख्यपृष्ठनए समाचारबिहार में शराबबंदी सुपरफ्लॉप ... ३० हजार करोड़ का बन चुका है...

बिहार में शराबबंदी सुपरफ्लॉप … ३० हजार करोड़ का बन चुका है ब्लैक मार्केट! …महाराष्ट्र से ज्यादा बिहार में होती है शराब की बिक्री

– तेजस्वी ने आंकड़े जारी कर नीतीश सरकार पर बोला हमला
सामना संवाददाता / पटना 
बिहार में जहरीली शराब पीने से करीब ५० लोगों की मौत हुई है। इस घटना से एक बार फिर बिहार दहल गया है। अब इस मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी सुपरफ्लॉप है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतिगत अस्पष्टता को दोषी ठहराते हुए तेजस्वी ने अधिकारियों पर निर्भरता और शराब माफिया के नापाक गठजोड़ को संस्थागत भ्रष्टाचार बताया। साथ ही उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र से ज्यादा बिहार में शराब की बिक्री होती है। यही नहीं उन्होंने आंकड़े जारी कर कहा कि शराब का ३० हजार करोड़ रुपए से अधिक का अवैध काला बाजार फलफूल रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए तेजस्वी ने शराबबंदी के आंकड़े भी प्रस्तुत किए हैं। तेजस्वी ने जो आंकड़े जारी किए हैं उसके अनुसार, बिहार में हर दिन औसत ४०० से ज्यादा लोगों की शराब से जुड़े मामलों में गिरफ्तारी होती है। साथ ही बिहार पुलिस व मद्य निषेध विभाग की ओर से प्रदेश में हर दिन करीब ६,६०० छापेमारी करती है, यानी औसत हर घंटे २७५ छापेमारी होती है। इसका अर्थ है बिहार पुलिस और मद्य निषेध विभाग हर महीने लगभग २ लाख तथा प्रतिवर्ष २४ लाख जगह छापेमारी करता है, लेकिन इसके बाद भी अवैध शराब का काला कारोबार बदस्तूर जारी है। जिसका आशय यह भी है कि जब्त शराब को बाद में नेताओं, शराब माफिया और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से बाजारों में बेच दिया जाता है।
अपने शुरू के १० वर्षों में बिहार में शराब की खपत बढ़ाने के हर उपाय किए और अब अवैध शराब बिकवाने के हर उपाय कर रहे हैं। क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरे इन तथ्यों को झुठला सकते है? २००४-०५ में बिहार के ग्रामीण इलाकों में २,३६० से भी कम शराब की दुकानें थीं, लेकिन २०१४-१५ में उनके शासन में यह बढ़कर ६,००० हो गर्इं। तेजस्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह भी कहा है कि महाराष्ट्र से ज्यादा लोग बिहार में शराबबंदी के बावजूद यहां शराब पी रहे हैं।

अन्य समाचार