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मुंबई यूनिवर्सिटी की परीक्षा में तीन सालों में हुईं ढाई हजार गड़बड़ियां! …सूचना के अधिकार से खुली प्रबंधन की पोल

– सवालों के घेरे में परीक्षा संबंधी व्यवस्थाएं
सामना संवाददाता / मुंबई
परीक्षाओं के अव्यवस्थित कार्यक्रम, प्रवेशपत्र मिलने में देरी, प्रश्नपत्रों में त्रुटियां, रुके हुए परिणाम और घोषित परिणामों में कई त्रुटियों के कारण मुंबई यूनिवर्सिटी के छात्रों को लगातार परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके कारण ईमानदारी से परीक्षा देने वाले छात्रों के साथ अन्याय हो रहा है। इसी में पिछले तीन वर्षों में मुंबई यूनिवर्सिटी की विभिन्न परीक्षाओं के दौरान २,६५६ गड़बड़ियां होने की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। इन गड़बड़ियों की पोल सूचना के अधिकार से मांगी गई जानकारी में खुली है। इसके चलते मुंबई यूनिवर्सिटी की परीक्षा संबंधी व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
आरटीआई के मुताबिक, कॉमर्स ब्रांच की परीक्षा के दौरान सबसे ज्यादा १,२३६ गड़बड़ियां दर्ज की गर्इं। विज्ञान संकाय के दौरान ६०० और कला संकाय की परीक्षा दौरान ३४६ कदाचार की सूचना मिली, जबकि विधि शाखा की परीक्षा के दौरान सबसे कम ९४ गड़बड़िया दर्ज की गई हैं।

आधे घंटे पहले कॉलेजों में भेजी जाती हैं प्रश्नपत्रों की कॉपी
मुंबई यूनिवर्सिटी परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड की निदेशक डॉ. पूजा रौंदले ने कहा है कि यूनिवर्सिटी के हर कॉलेज में ‘डिजिटल पेपर डिलिवरी सिस्टम’ है। इस प्रणाली के माध्यम से कॉलेजों को ऑनलाइन प्रश्नपत्र भेजे जाते हैं। फिर परीक्षा से आधे घंटे पहले प्रश्नपत्रों की कॉपी संबंधित कॉलेज के प्राचार्य की उपस्थिति में उनके लॉगिन में डाउनलोड की जाती है। प्रश्नपत्र पर वॉटर मार्क और परीक्षा केंद्र संख्या भी अंकित रहता है। प्रिंसिपल का ‘चेहरा पहचानना’, ‘सीसीटीवी सिस्टम’, किस समय और प्रश्न पत्र की कितनी प्रतियां डाउनलोड की गर्इं जैसी सारी जानकारी युनिवर्सिटी को मिल जाती है। साथ ही परीक्षा के दौरान यूनिवर्सिटी के अधिकारी परीक्षा केंद्रों का औचक निरीक्षण कर समीक्षा करते हैं। यदि कोई छात्र परीक्षा के दौरान नकल करता है तो परीक्षा केंद्र पर ‘मुख्य संचालक’ संबंधित मामले की सूचना यूनिवर्सिटी को देता है, और छात्र से पूछताछ की जाती।

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