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डॉ. तिवारी को आचार्य नागराज नागप्पा शिखर सम्मान

हिन्दी के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए किए गए पुरस्कृत
मुंबई। आंध्र विश्वविद्यालय, विशाखापटनम के हिंदी विभाग के प्रो.जी सुंदर रेड्डी हिंदी सभागार में आयोजित सारस्वत समारोह में हिंदी भाषा एवं साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए डॉ. शिवम तिवारी को आचार्य नागराज नागप्पा शिखर सम्मान-24 से सम्मानित किया गया। नई शिक्षा नीति के अनुरूप सीबीएसई एवं आईसीएसई की कक्षा 5 के पाठ्यक्रम में डॉ. तिवारी द्वारा जीवनी पर आधारित लेख को शामिल किया गया है। डॉ. संतोष द्वारा इग्नू से डॉ. तिवारी के साहित्य पर प्रोजेक्ट वर्क भी किया जा रहा है। साथ ही इनके साहित्य पर कई विश्वविद्यालयों में प्रोजेक्ट कार्य लिए जा रहे हैं।

सम्मान समारोह में चर्चित प्रवासी साहित्यकार डा. सुरेश चंद्र शुक्ल ‘शरद आलोक’ (नॉर्वे), साहित्य भूषण प्रो. महेश दिवाकर, अवधि साहित्य संस्थान के अध्यक्ष प्रो. अर्जुन पांडेय, विशाखा परिषद के अध्यक्ष आचार्य एस. एम. इक़बाल, प्राचार्य एवं हिंदी विभाग के अध्यक्ष (आंध्र विवि) प्रो. ए. नरसिम्हा राव, पूर्व आचार्य एस. शेषारत्नम, हिंदी विभाग आंध्र विवि. की आचार्य जे. विजया भारती, सेंट जोसेफ महिला कॉलेज की हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. पी के जयलक्ष्मी, गायत्री विद्या परिषद कालेज फर डिग्री एण्ड पी जी कोर्सेस (ए) की हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. अनीता, बी वी के डिग्री कॉलेज की हिंदी विभागाध्यक्ष मो. जेबुन्निसा, समाजसेवी शालिनी तिवारी, डॉ. के शांति, केंद्रीय शिक्षण मंडल के सहायक निदेशक आरुणि त्रिवेदी, भारतीय नौसेना के वरिष्ठ अधिकारी कैप्टन अनुराग राघव, गीतकार हरिनाथ शुक्ल हरि, डा. संतोष कुमार, डॉ. जे. पी. सिंह, युधिष्ठिर पांडेय एवं डा. नूरी राघव आदि विद्वान उपस्थित रहे।

सम्मान स्वरूप शाल एवं सम्मान पत्र प्रदान किया गया. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद के अन्तू निवासी, 23 पुस्तकों के लेखक, लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार, बहुआयामी काव्य- प्रतिभा के धनी, केंद्र सरकार में पदस्थ एवं महज 32 वर्ष की उम्र में अनेक उपलब्धियों को अपने नाम कर चुके डॉ. शिवम तिवारी को यह सम्मान हिंदी विभाग, आंध्र विवि एवं विशाखा हिंदी परिषद द्वारा दिया गया।

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