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पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी ने साइबर अपराध का पर्दाफाश कर अंतरराष्ट्रीय डिजिटल ठगी गैंग के 4 सदस्यों को दबोचा

उमेश गुप्ता/वाराणसी

पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी ने एक बड़े साइबर अपराध का पर्दाफाश करते हुए एक अंतरराष्ट्रीय डिजिटल ठगी गैंग के 4 सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। यह गैंग डिजिटल हाउस अरेस्टिंग और इन्वेस्टमेंट स्कैम के जरिए लोगों से ठगी करता था। इसके तार दुबई में बैठे साइबर अपराधियों से जुड़े हुए थे। पुलिस गिरफ्तार ठगों के इनके कब्जे से भारी मात्रा में मोबाइल, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, पासबुक, और नकदी बरामद की है। बता दें कि, बीते 23 अक्टूबर को बड़ागाव निवासी विशाल सिंह ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि साइबर अपराधियों द्वारा उनको बिजनेस इन्वेस्टमेंट का फर्जी झांसा देकर उनके विभिन्न बैंकों में खाता खुलवा लिया गया है, जिसमें लाखों रुपया का पैसों के ट्रांजेक्शन हो रहे हैं। इन बैंक खातों को पुलिस द्वारा फ्रीज भी करा दिया गया है।

उक्त सूचना पर थाना साइबर क्राइम ने धारा 318(4), 61(2) बीएनएस और 66सी आईटी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर किया गया, जिसकी विवचेना निरीक्षक विजय नारायण मिश्र द्वारा की जा रही है। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल और डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। अपर पुलिस उपायुक्त श्रुति श्रीवास्तव और एसीपी गौरव कुमार के निर्देशानुसार साइबर क्राइम थाने की टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और डिजिटल फुटप्रिंट की मदद से अपराधियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम दिशांत किरीटभाई पाटेलिया (32) निवासी जामनगर, गुजरात (गैंग का सरगना), दीपक दिनेश भाई जोगिया (32) निवासी जामनगर, गुजरात, सत्यम मिश्रा (19) निवासी वाराणसी, नितिन पाण्डेय (22) निवासी भदोही है. पुलिस ने अपराधियों के कब्जे से 6 एंड्रॉयड मोबाइल, 1 आईओएस मोबाइल, 1 कीपैड मोबाइल, 20 एटीएम कार्ड, 10 सिम कार्ड, 6 सिमकार्ड रैपर, 13 एटीएम किट, 14 पासबुक और ₹6,070 नकद बरामद किए.

इस गैंग का संचालन दुबई स्थित साइबर अपराधियों द्वारा किया जा रहा था। भारत में बैठे इन एजेंट्स के माध्यम से गैंग ने विभिन्न राज्यों में एक नेटवर्क तैयार कर स्थानीय लोगों को इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर बैंक खाते खुलवाए। इन खातों में इंटरनेट बैंकिंग सक्रिय कर और इंटरनेशनल एटीएम की लिमिट बढ़ाकर दुबई भेज दिया जाता था, जहां से ठगी के माध्यम से पैसा मंगवाया जाता था। इसके बाद यह पैसा क्रिप्टोकरेंसी के जरिए इनके खातों में पहुंचाया जाता था। गैंग को ठगी की रकम का 30 प्रतिशत हिस्सा मिलता था।गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में निरीक्षक विजय नारायण मिश्र, पृथ्वीराज सिंह, राकेश कुमार गौतम, दिलीप कुमार, अनीता सिंह, सूर्यभान सिंह, नीलम सिंह सहित कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे। साथ ही साइबर क्राइम थाना टीम और सर्विलांस सेल का विशेष सहयोग रहा।

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