सामना संवाददाता / लखनऊ
यूपी में वाकई अब हद हो गई है। कानपुर में ओवरब्रिज के भ्रष्टाचार का मामला तूल पकड़ा ही है कि इसी बीच गोरखपुर में २१ करोड़ रुपए की लागत से मुख्यमंत्री आवास के गेट के सामने बना गोरखनाथ मॉडल थाना भ्रष्टाचार का नमूना बना हुआ है। इसके घटिया निर्माण को लेकर एसपी सिटी ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारी को पत्र लिखा है। एसपी सिटी अभिनव त्यागी का कहना है कि थाना भवन के निर्माण संबंधी कुछ कमियां सामने आई हैं। इसकी मरम्मत के लिए पीडब्ल्यूडी से पत्राचार किया गया है। थानों को आधुनिक तौर पर तैयार करने के लिए गोरखनाथ थाने को मॉडल के रूप में तैयार करने के लिए चुना गया। बीते वर्ष तीन जुलाई २०२३ को सीएम योगी आदित्यनाथ ने थाने का लोकार्पण किया। सीएम का गृह थाना होने की वजह से पुलिस अफसर भी इस पर विशेष ध्यान देते हैं और साफ-सफाई से लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर नजर रहती है, लेकिन अभी एक साल का सफर पूरा किए थाना भवन की दीवारों की कमजोरी सामने आने लगी है। थाने की ओर से अफसरों को भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि नवीन भवन की लिफ्ट खराब हो गया है।
दीवारों में जगह-जगह सीलन आ गई है। इतना ही नहीं छत पर लगाई गई दो-दो हजार लीटर की तीन टंकी में से दो फूट गर्इं। इसकी वजह से १७ जुलाई को पानी की सप्लाई ही बंद हो गई थी। बाद में कार्यदायी संस्था ने तीसरी टंकी से पाइप जोड़कर सप्लाई तो शुरू कर दी, लेकिन स्थायी समाधान नहीं हो सका है।