एहसान कर दे

मुझ पर एक एहसान कर दे
मेरा रोना आसान कर दे।
थक गई हूं तेरे बारे में बात करके
मुझे अब तू अपने से अंजान कर दे।
तेरे बिन पत्थर सी हो गई थी
आ फिर से मुझे इंसान कर दे।
मशहूर हो के बदनाम हो गई थी
चल फिर से मुझे जरा गुमनाम कर दे।
तुझ से तो मेरा हाल कुछ छुपा नहीं है
खैरियत पूछ के मुझे मेहमान कर दे।
मेरी दौलत भी बस एक तू ही है
मेरी आगोश में आ के मुझे धनवान कर दे।
इतना पूजा है तुम्हें मेरी चाहत ने
अब खुद को मेरा भगवान कर दे।
-प्रज्ञा पाण्डेय मनु

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