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भूमिपुत्रों के भूखंड बिल्डरों की झोली में डाल रही है शिंदे सरकार -आदित्य ठाकरे

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान महाविकास आघाड़ी और महायुति के बीच राजनीतिक संघर्ष गहराता जा रहा है। इसी कड़ी में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष नेता आदित्य ठाकरे ने तटीय जिलों के लिए कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। आदित्य ठाकरे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट जारी करते हुए वर्तमान शिंदे सरकार की तीखी आलोचना की। आदित्य ठाकरे ने अपने पोस्ट में आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे और भाजपा सरकार कोलीवाडा और गावठानों के भूमिपुत्रों की `क्लस्टर विकास’ आवास नीति के तहत तमाम भूखंड बिल्डरों की झोली में डालने की कोशिश कर रही है।
आदित्य ठाकरे के अनुसार, शिवसेना हमेशा से कोली, आगरी, भंडारी, कुनबी और आदिवासी समुदायों के हितों के प्रति प्रतिबद्ध रही है और आगे भी इस प्रतिबद्धता को कायम रखेगी। आदित्य ठाकरे ने बताया कि २७ अक्टूबर, २०२४ को महाराष्ट्र के सात तटीय जिलों के प्रतिनिधियों के साथ एक सार्वजनिक बैठक में कई मुद्दों पर सहमति बनी, जिसमें भूमिपुत्रों के हितों की सुरक्षा के नाम पर कई महत्वपूर्ण पैâसले लिए गए।
मुख्य घोषणाओं में सबसे महत्वपूर्ण यह है कि शिवसेना तटीय क्षेत्रों की मलिन बस्तियों के वर्गीकरण को रद्द कर देगी और भूमिपुत्रों के लिए क्लस्टर विकास नीति के प्रावधान को भी समाप्त कर देगी। इसके अलावा, महाराष्ट्र के सीजेडएमपी के तहत कोली समुदाय के गांवों, संपत्तियों और पर्यावरणीय अधिकारों को संरक्षित रखा जाएगा। आदित्य ठाकरे ने सीमांकन प्रक्रिया को जारी करने और भूमिपुत्रों को भूमि अधिकार प्रदान करने की बात भी कही, जैसा कि कुछ वर्षों पहले ओडिशा में किया गया था। पार्टी ने कहा कि वह समुचित और टिकाऊ नीतियों के तहत इन इलाकों में आत्म-विकास को बढ़ावा देने और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ विरासत संरक्षण पर जोर देगी। इसके अलावा मछुआरा समुदाय, विशेषकर महिलाओं के लिए सुविधाओं और स्वच्छ बाजार उपलब्ध कराए जाएंगे।

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