सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव से पहले सोलापुर में महायुति में दरारें आ गई हैं। इस बीच सोलापुर में एकनाथ शिंदे गुट को बड़ा झटका लगा है। भाजपा की राजनीति से तंग आकर और शिंदे गुट की गड़बड़ नीति के कारण पूरी कमेटी के पदाधिकारियों ने अपने पद से एक साथ इस्तीफा दे दिया है और सभी ने छत्रपति संभाजी राजे की स्वराज्य पार्टी में प्रवेश किया है। सूत्रों की मानें तो लगभग ढाई सौ पदाधिकारियों ने एक साथ इस्तीफा दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला प्रमुख अमोल शिंदे, मनीष कालेजे, शहर प्रमुख मनोज शेजवाल, युवा प्रमुख उमेश गायकवाड़ ने छत्रपति संभाजी राजे की उपस्थिति में पार्टी में प्रवेश किया। इनके साथ ढाई सौ लोगों ने शिंदे गुट से इस्तीफा देकर स्वराज्य पार्टी में शामिल हुए। इस पार्टी ने सोलापुर शहर उत्तर, सोलापुर शहर मध्य और दक्षिण सोलापुर विधानसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार भी उतारा है।
सोलापुर शहर मध्य सीट को लेकर शिंदे गुट में भारी नाराजगी थी। वास्तव में, यह सीट शिंदे गुट को मिलने वाली थी, लेकिन पार्टी के अंदरूनी विवादों के चलते यह सीट भाजपा को दे दी गई। शिंदे गुट के चारों जिला प्रमुख मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से इस सीट को लेकर मांग करते रहे। लेकिन पार्टी नेतृत्व से किसी ने ध्यान नहीं दिया, जिससे उनमें गहरी नाराजगी बढ़ी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी समर्थक जिला प्रमुख अमोल शिंदे, मनीष कालेजे, उमेश गायकवाड़ और शहर प्रमुख मनोज शेजवाल सहित कमिटी के ज्यादातर नेताओं ने अंतत: शिंदे गुट को छोड़कर छत्रपति संभाजी राजे भोसले की मौजूदगी में महाराष्ट्र स्वराज पार्टी में प्रवेश कर लिया।
शिंदे गुट के पदाधिकारियों के स्वराज्य पार्टी में प्रवेश से राजनीतिक जगत में खलबली मच गई है। भाजपा की आंतरिक राजनीति के कारण एकनाथ शिंदे के कार्यकर्ताओं में यह स्थिति बन गई थी कि वे उनका साथ छोड़कर अलग हो जाएं। गत सोमवार को सांसद छत्रपति संभाजी राजे भोसले ने इस बारे में प्रेस कॉन्प्रâेंस करके विस्तृत जानकारी दी।