सामना संवाददाता / भोपाल
भाजपा के राज में दलित अत्याचार चरम पर है। जनता परेशान है। आम जनता की जान भी सांसत में है। आए दिन दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लोग अपनी जान बचाने के लिए धर्म परिवर्तन को मजबूर हो गए हैं। ताजा मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर का है, जहां दबंगों की दबंगई से परेशान एक व्यक्ति ने जनसुनवाई में हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम या फिर किसी और धर्म को अपनाने की बात कही है। दबंगों की ज्यादती का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसके बावजूद फरियादी अपनी शिकायत लेकर जगह-जगह भटक रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, मुकेश नाम के शख्स ने दबंगों से परेशान होकर धर्म परिवर्तन करने का पैâसला किया है। धर्म परिवर्तन की अनुमति के लिए उसने कलेक्टर को अर्जी भी दी है। मुकेश ने दबंगों का नाम लेकर बताया कि मेरे घर पर कब्जा कर लिया, तलवार लेकर घूमते हैं। दबंगों ने उसके मकान पर कब्जा कर सामान चोरी कर लिया है। इसके साथ ही जो मकान उसने खरीदा था, वह वहां भी नहीं जा सकता है। मामले में जब पहले मुकेश ने पुलिस में शिकायत की थी, तो पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाया था। लेकिन दबंगों की दबंगई इतनी ज्यादा थी कि सिविल लाइन थाने के बाहर ही मुकेश और उसके परिवार वालों के साथ गाली गलौज और धमकी दी गई। बकौल मुकेश, वह मुस्लिम धर्म अपनाना चाहते हैं जिससे उनका परिवार बच जाए। पेशे से ड्राइवर मुकेश ने सिविल लाइन थानाक्षेत्र के पीतांबरा मंदिर के पास एक मकान अपने परिवार के रहने के लिए कुछ रुपए में खरीदा था, लेकिन अब उसकी जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है।
भाजपा शासित राज्यों में बढ़े दलितों पर अत्याचार
देश में जब से भाजपा सरकार के सत्ता में काबिज होने के बाद से अनुसूचित जाति और जनजाति पर अत्याचार के मामले बढ़ गए हैं।राजनीतिक इतिहास में पहली बार देखने को मिल रहा है कि कमजोर तबकों पर हो रहे अत्याचारों के प्रति केंद्र सरकार और भाजपा शाषित राज्यों की सरकार की असंवेदनशीलता बढ़ी है। एक के बाद एक घटनाएं दलितों अनुसूचित जनजातियों के प्रति सामने रही है। सरकार द्वारा जिम्मेदारी लेने के स्थान पर सत्ता में बैठे भाजपा के मंत्रियों और नेताओं द्वारा अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि जिन-जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है वहां दलितों पर अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं और वहां की भाजपा सरकारें हाथ पर हाथ धरे बैठी है। एक आंकड़े की मानें तो मध्य प्रदेश में लगभग ३ हजार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं।