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यात्रियों की परेशानी का सबब बना रेलवे का फरमान! …प्लेटफॉर्म टिकट हुआ बंद

-बुजुर्ग यात्री हो रहे हलाकान
सामना संवाददाता / कल्याण
कल्याण रेलवे प्रशासन द्वारा लिए गए एक निर्णय से यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। दरअसल, हाल ही में हुई बांद्रा में हुई भगदड़ वाली घटना को देखते हुए टर्मिनस स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म टिकट ८ नवंबर तक बंद कर दिए। रेलवे ने यह निर्णय इसलिए लिया, ताकि स्टेशनों पर जुटने वाली अतिरिक्त भीड़ में कमी हो सके, लेकिन यह निर्णय अब यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इस निर्णय से बुजुर्ग यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। बताया जा रहा है कि जिन बुजुर्ग यात्रियों को ट्रेनों में बैठाने के लिए उनके परिजन या अन्य लोग आते थे, अब प्लेटफॉर्म टिकट बंद होने से वे नहीं आ रहे हैं। इसी कड़ी में कल्याण जंक्शन में भी इसी तरह की परेशानी देखने को मिल रही है। एक कंपनी में काम करने वाले सौरभ मिश्रा नाम के युवक ने बताया कि उनके माता-पिता को अर्जेंट काम से गांव जाना पड़ा, जब वे रेलवे स्टेशन पहुंचे तो पता चला कि प्लेटफॉर्म टिकट बंद हो गया है, जिससे सौरभ स्टेशन के अंदर नहीं जा पाए। अब उनके बुजुर्ग माता-पिता सामान लेकर वैâसे ट्रेन में बैठेंगे, इसकी चिंता सौरभ को होने लगी। आखिर मरता क्या न करता, उन्होंने एक कुली को बुलाया और उसे मुंह-मांगी कीमत देकर माता-पिता को ट्रेन तक पहुंचवाया। यह समस्या केवल सौरभ ही नहीं बल्कि, कई लोगों के सामने पैदा हो रही है। दरअसल, दिवाली और छठ के अवसर पर बड़ी संख्या में लोग अपने गांव जा रहे हैं। इसी कड़ी में कल्याण रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की काफी भीड़ जमा हो रही है।
टीसी और परिजनों में झड़प
रेलवे के इस फरमान से यात्रियों के परिजनों और टीसीयों के बीच आए दिन झड़प देखने को मिल रही है। सोलापुर के रहनेवाले सिद्धेश कावा का कहना है कि वे अपने दादा-दादी को छोड़ने के लिए सीएसएमटी रेलवे स्टेशन आए थे, लेकिन उन्हें प्लेटफॉर्म टिकट नहीं मिला, इसके बावजूद वे अपने दादा-दादी को ट्रेन में बैठाने के लिए स्टेशन के अदंर चले गए और जब बाहर आने लगे तो उनसे टीसी ने टिकट मांगा, लेकिन सिद्धेश ने टीसी को बताया कि उन्हें प्लेटफॉर्म टिकट नहीं दिया और उनके दादा-दादी को ट्रेन में बैठाना उनकी मजबूरी थी, इसलिए वे स्टेशन के अंदर दाखिल हुए, लेकिन टीसी नहीं माना और उनसे जुर्माना भरने को कहा। दोनों के बीच काफी देर तक नोक-झोंक हुई। आखिरकार सिद्धेश को जुर्माना भरना पड़ा।

लोग रद्द करा रहे हैं टिकट
रेलवे के इस निर्णय का असर लोगों की आवाजाही पर भी पड़ रहा है। विवेक साहू नाम के एक यात्री ने बताया कि उसकी पत्नी आरती पढ़ी-लिखी नहीं है, उसे अपनी बहन की लड़की के शादी के लिए गांव जाना था, लेकिन आरती अकेले ट्रेन में नहीं बैठ सकती थी, इसलिए हमने टिकट ही रद्द करा दिया। अब आगे देखेंगे क्या होता है?

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