सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में निष्पक्ष और पारदर्शी माहौल में चुनाव कराने के लिए पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला को पद से हटाने की जरूरत है। ऐसे में चुनाव आयोग उन्हें क्यों नहीं हटा रहा है? इस तरह का सीधा सवाल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने किया है। उन्होंने कहा कि रश्मि शुक्ला पर गंभीर मामले दर्ज थे। वे निलंबित भी हुई थी, लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें फिर से सेवा में वापस ले लिया। इसलिए शुक्ला निष्पक्ष तौर पर वैâसे काम करेंगी? यह सवाल भी उन्होंने खड़ा किया।
मीडिया से बातचीत में संजय राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक पर गंभीर आरोप लगे हैं। वे निष्पक्षता से काम नहीं करतीं। वे विरोधियों को परेशान करती हैं। राज्य में पुलिस दबाव में काम कर रही है। उन्हें ऑर्डर देने का काम रश्मि शुक्ला कर रही हैं। हमारे कार्यकर्ताओं पर प्रतिबंध, तड़ीपार और मकोका लगाकर चुनाव पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। संजय राऊत ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य पुलिस महानिदेशालय और पुलिस बल इसके मास्टरमाइंड हैं। उन्होंने कहा कि हमने चुनाव आयोग से बार-बार कहा है कि अगर इस राज्य में पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से चुनाव कराना है तो रश्मि शुक्ला को हटाना होगा। चुनाव आयोग उन्हें क्यों नहीं हटा रहा है? अगर हमारी सरकार होती और किसी ने पुलिस महानिदेशक के बारे में शिकायत की होती तो हम उन्हें तुरंत हटा दिए होते। वर्तमान पुलिस महानिदेशक का इतिहास सभी जानते हैं। साल २०१९ में जब महाविकास आघाड़ी सरकार बना रही थी, तब वे विधायकों को देवेंद्र फडणवीस की मदद करने के लिए धमका रही थीं। हमारे फोन टैप किए जा रहे थे। हमारी हरकतों पर नजर रखी गई। इस मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। उन्हें निलंबित कर दिया गया। उसके बाद जैसे ही फडणवीस इस पद पर आए तो उन्हें दोबारा बहाल कर दिया गया। ऐसे में क्या वे निष्पक्ष रूप से काम करेंगी?
आज भी हो रहे हमारे फोन टैप
संजय राऊत ने कहा कि आज भी हमारे फोन टैप किए जा रहे हैं। राज्य के कई पुलिस स्टेशनों पर एकतरफा काम करने का दबाव है। वे राज्य के कई निर्वाचन क्षेत्रों में हमारे कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज करके उन पर दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग को यह सोचने की जरूरत है कि क्या ऐसे पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में राज्य में चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी होंगे।
फडणवीस की हैं कृपापात्र
संजय राऊत ने कहा कि रश्मि शुक्ला केंद्र सरकार और फडणवीस की कृपापात्र हैं। अगर रश्मि शुक्ला को यह नहीं पता कि देश में लोकतंत्र है, कुछ बातों का पालन करना होता है तो वे उस पद पर रहने के लायक नहीं हैं। मूलत: इनकी नियुक्ति अवैध है। यदि राज्य के पुलिस महानिदेशक का यह हाल है तो इसमें कोई संदेह नहीं कि वे चुनाव में पक्षपातपूर्ण नीति लागू करेंगी। संजय राऊत ने यह भी हमला किया कि वे फडणवीस और भाजपा के लिए काम कर रही हैं।
…तो चुनाव आयोग को कार्रवाई करने की है जरूरत
संजय राऊत ने कहा कि यदि चुनाव के दौरान दीपोत्सव मनाकर प्रचार किया जा रहा है तो चुनाव आयोग को कार्रवाई करने की जरूरत है। पहले जब दीपोत्सव होता था तो चुनाव नहीं होते थे। अब चुनाव के दौरान दीपोत्सव के जरिए प्रचार किया जा रहा है। हम दीपोत्सव के विरोधी नहीं हैं। हालांकि, संजय राऊत ने यह भी साफ किया कि दीपोत्सव के दौरान अगर प्रचार-प्रसार हो रहा है, आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है तो उन पर आपत्ति जताना अनुचित नहीं है।