महंगाई, भ्रष्टाचार बढ़ा,
नए उद्योग-रोजगार घटे
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और विकास के मुद्दे पर आम मतदाताओं में चिंता बढ़ गई है। पिछले कुछ सालों में आम लोगों की इन समस्याओं में बढ़ोतरी हुई है। विधानसभा चुनाव में ये मुद्दे मजबूती से सामने आएंगे। इसका असर मतदान पर पड़ेगा। इसलिए महंगाई, बेरोजगारी, आरक्षण जैसे विभिन्न मुद्दों पर ‘लोकनीति और सीएसडीसी’ संस्था ने आम मतदाताओं की राय मांगी। इस सर्वे में ५८ फीसदी मतदाताओं ने अगले पांच साल के लिए महाविकास आघाड़ी पर भरोसा जताया है।
लोकनीति-दी सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटी (सीएसडीएस) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आम मतदाताओं के विचारों और प्राथमिकताओं पर एक सर्वेक्षण किया। “सीएसडीएस” सामाजिक विज्ञान और मानवता से संबंधित विषयों पर काम करनेवाली संस्था है।
महाविकास आघाड़ी की प्राथमिकता
महाराष्ट्र में अगले पांच साल के लिए कौन सी सरकार सबसे अच्छी है, इस पर राय मांगी गई। आम जनता ने महाविकास आघाड़ी को प्राथमिकता दी है। रिपोर्ट के मुताबिक ५८ फीसदी लोगों ने महाविकास आघाड़ी के पक्ष में वोट किया है, जबकि ३१ फीसदी लोग महायुति के पक्ष में हैं।
आरक्षण को लेकर आघाड़ी में आस्था
जनजीवन से जुड़ी समस्याओं के साथ-साथ आरक्षण के मुद्दे पर आम जनता की राय मांगी गई। इनमें ४६ फीसदी महाविकास अघाड़ी और २६ फीसदी महायुति को समर्थन करते हैं।
बेरोजगारी और महंगाई पड़ रही भारी
इस संस्था द्वारा कराए गए सर्वे में करीब २४ फीसदी मतदाताओं ने बेरोजगारी के मुद्दे को प्राथमिकता दी है। इस मुद्दे पर ज्यादातर मतदाताओं ने चिंता जताई है। २२ फीसदी मतदाताओं ने बढ़ती महंगाई पर नाराजगी जताई है। ९ फीसदी मतदाता विकास की कमी, ८ फीसदी मतदाता कृषि संकट और ७ फीसदी मतदाता बुनियादी चुनौतियों को लेकर चिंतित हैं। इसलिए आर्थिक स्थिरता और अपर्याप्त रोजगार के अवसरों के अभाव का आम मतदाता और मतदान पर असर पड़ने की संभावना है। ऐसे में सत्तापक्ष पर गाज गिर सकती है।