सामना संवाददाता / भायंदर
गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यकाल में आम नागरिकों की छोटी-छोटी बकाया राशि पर कठोर कार्रवाई की जाती है, लेकिन कई गंभीर आपराधिक मामलों से घिरे भाजपा के मीरा-भायंदर विधानसभा सीट के करोड़पति उम्मीदवार नरेंद्र मेहता को पुलिस सुरक्षा और नामांकन प्रक्रिया में राहत दिए जाने पर सवाल उठ रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी माने-जानेवाले नरेंद्र मेहता पर पुलिस सुरक्षा के ८९ लाख रुपए बकाया है। मेहता पर कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं, जिन्हें उन्होंने अपने शपथपत्र में नहीं दर्शाया, जिसके चलते उनकी उम्मीदवारी रद्द करने की मांग उठाई गई थी। हालांकि, चुनाव अधिकारी ने इन गंभीर मामलों पर ध्यान नहीं दिया और मेहता का नामांकन वैध करार दिया। चुनाव अधिकारी द्वारा नरेंद्र मेहता के ऊपर की गई मेहरबानी पर इस तरह के सवाल उठ रहे हैं। वसई-विरार पुलिस आयुक्तालय से नरेंद्र मेहता को सुरक्षा के लिए दो सशस्त्र पुलिसकर्मी मुहैया कराए गए हैं। भुगतान की बकाया राशि ८९ लाख १४ हजार ७०० रुपए तक पहुंच चुकी है।
भाजपा से नामांकन भरते समय मेहता ने शपथपत्र में कहा कि उनके ऊपर कोई सरकारी बकाया नहीं है। हालांकि, पुलिस सुरक्षा के लाखों रुपए बकाया होने के बावजूद उन्होंने गलत जानकारी दी। उनके शपथपत्र में दुष्कर्म सहित अन्य मामलों के बारे में जानकारी छुपाई गई है, जिसे लेकर अधिवक्ता राहुल राय ने नामांकन की जांच के दौरान आपत्ति जताई थी।
निर्वाचन अधिकारी सुनील भुताले पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने मेहता की उम्मीदवारी को सुरक्षित करने के लिए जानबूझकर उनकी नामांकन प्रक्रिया को सही ठहराया, जिससे कानून और न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन हुआ।
महापौर के समय का बकाया मनपा ने चुकाया
मेहता जब महापौर थे, तब भी उन्होंने पुलिस सुरक्षा का शुल्क नहीं भरा था, जिसे महापालिका ने चुकाया था। बाद में महापालिका ने प्रस्ताव पास किया कि मेहता से बकाया राशि वसूली जाए। इसके तहत तत्कालीन मनपा आयुक्त शिवमूर्ति नाईक ने मेहता को ५ लाख २४ हजार ३९८ रुपए जमा करने का नोटिस भेजा था। मेहता के पास करोड़ों की संपत्ति है, जिसमें सेवेन इलेवन कंस्ट्रक्शन, सेवेन इलेवन होटल्स जैसी कंपनियां शामिल हैं। फिर भी पुलिस सुरक्षा का बकाया चुकाने में वे लापरवाही बरतते हैं। इस साल तो पुलिस ने ८९ लाख का बकाया होने के बावजूद उनसे वसूली नहीं की और सुरक्षा भी जारी रखी।