सामना संवाददाता / मुंबई
दिवाली पर मनपा की ओर से बोनस न दिए जाने से बेस्टकर्मियों की यह दिवाली काली रही। मनपा प्रशासन के इस रवैये के खिलाफ भाई दूज के दिन सुबह से ही बेस्टकर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी। दिवाली बोनस सहित विभिन्न मांगों को लेकर ड्राइवरों के एक वर्ग द्वारा अचानक की गई हड़ताल के कारण सड़कों पर बसों की संख्या कम देखी गई। इस बीच मुंबई के विभिन्न हिस्सों में यात्रियों को न केवल परेशानी झेलनी पड़ी, बल्कि अपने गंतव्य तक पहुंचने में भी देरी हुई।
उल्लेखनीय है कि दिवाली बोनस समेत विभिन्न मांगों को लेकर कल बेस्ट चालकों ने अचानक हड़ताल शुरू कर दी। इसके चलते कुल निर्धारित २,१५८ बसों में से २,०१६ बसें ही सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आर्इं। इस बीच १४२ बसों के सड़कों पर न होने से भाई दूज के मौके पर घरों से बाहर निकले यात्रियों को सुबह के समय दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बताया गया है कि हाल ही में निजी ठेकेदार द्वारा २८० मिनी बसों को सेवा से वापस ले लिए जाने के कारण बेस्ट बेड़े पर असर पड़ा है। इसके साथ ही ठेकेदार ने बेस्ट को आर्थिक मुद्दों के बारे में सूचित किया है।
कुछ घंटे की हड़ताल में सुलझाया गया मामला
रविवार को शुरू हुई हड़ताल के कुछ घंटों के भीतर मामला सुलझ गया। साथ ही बसों का परिचालन फिर से शुरू हो गया। बेस्ट के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए बताया कि सोमवार को अपनी विभिन्न लंबित मांगों के संबंध में बेस्ट प्रबंधन के साथ चर्चा के लिए कई यूनियनों को आमंत्रित किया गया है।
एक गुट के हड़ताल का प्रयास रहा असफल
यूनियन नेता सुहास सामंत ने कहा कि रविवार को सेवा रोकने के लिए ड्राइवरों के एक गुट द्वारा किए गए प्रयास असफल रहे। उन्होंने कहा कि उन्होंने सोमवार सुबह विरोध-प्रदर्शन का आह्वान भी किया है, लेकिन हम सुनिश्चित करेंगे कि बसें पूरी क्षमता से चलें। हम सोमवार की बैठक में बेस्ट प्रबंधन को अपने मुद्दों को हल करने का अवसर देंगे। बेस्ट वर्कर्स यूनियन के नेता शशांक राव ने स्पष्ट किया कि उनका संगठन किसी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं था।