सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन वापस लेने का कल आखिरी दिन था। ऐसे में अब सभी दलों के प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। इसी में सोशल मीडिया पर चुनावी प्रचार का फीवर तपने लगा है। साथ ही विधानसभा चुनाव में पहली बार एआई यानी आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसकी मदद से तैयार की जानेवाली तस्वीर और वीडियो को प्रभावी तरीके से मतदाताओं तक पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही रील्स भी प्रभावी काम कर रहा है।
कुछ दिन पहले उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने एआई की मदद से बनाई गई ‘लाडली बहन योजना’ का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सनसनी मचा दी थी। उसी समय से कई उम्मीदवार इस नई तकनीक की मदद से प्रचार कर रहे हैं। इसे युवा मतदाता पसंद भी कर रहे हैं। पहले सभाओं, सम्मेलन, मेल- मुलाकात पर्चों के माध्यम से प्रचार किया जाता था। अब सोशल मीडिया के माध्यम से एक क्लिक में हजारों मतदाताओं तक पहुंचना संभव हो गया है। इसलिए उम्मीदवारों द्वारा इस माध्यम का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है। चुनावी खुमार इस वक्त फेसबुक, व्हाट्सऐप, एक्स, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर हर जगह देखने को मिल रहा है।
चुनाव आयोग का है वॉच
उम्मीदवार सोशल मीडिया पर विज्ञापनबाजी में खर्चों का ब्योरा नहीं दे रहे हैं। इसलिए चुनाव आयोग इन घटनाक्रमों पर नजर रख रहा है। इसके अलावा आयोग गलत और अफवाह पैâलाने वालों पर भी नजर रख रहा है।
रोजगार का मौका
प्रत्याशियों को सोशल मीडिया की समझ रखने वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं। प्रत्याशी ऐसे युवकों को महीने का एक लाख रुपए से अधिक का भुगतान करने के लिए तैयार हैं। ऐसे में उनके द्वारा पोस्ट, रील बनाए भी जाने लगे हैं।‘