अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
धारावी पुनर्विकास सर्वे को लेकर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद अनिल देसाई ने महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव आयोग को पत्र लिखकर तुरंत इस सर्वे पर रोक लगाने की मांग की है। सांसद देसाई का कहना है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) द्वारा किया जा रहा यह सर्वे राज्य विधानसभा चुनावों के लिए १५ अक्टूबर से लागू आचार संहिता का उल्लंघन है। सांसद का कहना है कि इससे पहले के चुनावों में, जैसे कि लोकसभा चुनाव के दौरान, चुनावी नियमों के पालन के लिए सर्वे गतिविधियों को रोका गया था। उन्होंने इस समय आचार संहिता के दौरान सर्वे जारी रखने को आचार संहिता का उल्लंघन बताया है और आरोप लगाया कि जो लोग इस सर्वे का विरोध कर रहे हैं, उन्हें धमकाया जा रहा है, जिससे धारावी में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।
इन चिंताओं का समर्थन करते हुए धारावी बचाओ आंदोलन नामक स्थानीय एक्टिविस्ट समूह ने भी चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। समूह के प्रतिनिधि राजू कोर्डे ने सर्वे प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह झोपड़पट्टी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता और हर संरचना को अनियमित रूप से नंबर देने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सर्वे रोकने की मांग की। हालांकि, डीआरपीपीएल से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उन्हें चुनाव आयोग की ओर से सर्वे रोकने के निर्देश नहीं मिले हैं और उनका इरादा इस सर्वेक्षण को मार्च के अंत तक पूरा करने का है। इसके अलावा, धारावी बचाओ आंदोलन के संजय भाले राव ने भी लोकसभा चुनावों के दौरान मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर यही मांग की थी, लेकिन अदालत ने उस समय रोक नहीं लगाई और चुनाव के बाद याचिका को निरर्थक मानकर खारिज कर दिया गया था।
बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के निकट स्थित धारावी २.३९ वर्ग किमी के क्षेत्र में पैâली हुई है। प्रस्तावित पुनर्विकास योजना के तहत सरकार और निजी साझेदार अडानी रियल्टी, जिनका ८० प्रतिशत हिस्सा है, योग्य निवासियों को ३५० वर्ग फुट के आवास देने की योजना बना रहे हैं, जो एसआरए द्वारा दिए गए आवासों से १७ प्रतिशत अधिक है।