सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव में महायुति के प्रति जनता नाराज दिख रही है। यही वजह है कि महायुति के प्रत्याशियों की सभा और रैली में लोग जाने को तैयार नहीं हैं। यहां तक कि उनके कार्यकर्ता भी इन सभाओं और रैलियों में जाने से कन्नी काट रहे हैं। ऐसे में महायुति प्रत्याशियों को पैसे देकर भीड़ जुटाना पड़ रहा है। इसका जीता-जागता उदाहरण वर्ली विधानसभा क्षेत्र में शिंदे गुट के प्रत्याशी मिलिंद देवड़ा की एक सभा में देखने को मिला। यहां पर कार्यकर्ताओं को पांच-पांच सौ रुपए में आम जनता एवं गरीब लोगों को लाया जा रहा है। मिलिंद देवड़ा की रैली में जमा हुए लोगों ने को खुद स्वीकार किया है कि ५०० रुपए देकर उन्हें भीड़ का हिस्सा बनाया जा रहा है। इसका एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे लेकर चुनाव आयोग के सामने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के सांसद अनिल देसाई ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग में शिकायत की है और आचार संहिता के उल्लंघन का मामला बताते हुए तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है।
अनिल देसाई ने पत्र लिखकर आयोग को बताया है कि वर्ली के शिंदे गुट के उम्मीदवार मिलिंद देवड़ा के लिए वर्लीr में हुई एक रैली में पांच सौ रुपए देकर लोगों को जुटाया गया है। इस यात्रा में किराए पर लोगों को भीड़ का हिस्सा बनने का आरोप लगाया गया है। इस संदर्भ में कार्रवाई करने की मांग अनिल देसाई ने चुनाव आयोग से की है। अनिल देसाई ने मिलिंद देवड़ा पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। उधर चुनाव आयोग ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि २४ घंटे के भीतर इस मामले की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। महाराष्ट्र में भाजपा और महायुति की सभाओं में भाजपाइयों सहित आम जनता कन्नी काटने की तैयारी में है। लोगों में महायुति सरकार के प्रति जो नाराजगी है उसके प्रति आक्रोश लोग महायुति की सभाओं से दूरी बनाकर जाहिर करेंगे। महायुति नेता बड़ी संख्या में इन इवेंट कंपनियों की मदद से भीड़ जुटा रहे हैं। सूत्रों की माने तो महाराष्ट्र के पड़ोसी राज्यों से भीड़ लाई जा रही है।