सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी जारी है। एक साल पहले अजीत पवार ने एनसीपी में बगावत कर दी थी। ४० विधायकों के साथ वह बीजेपी के महायुति में शामिल हो गए थे। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया। इसके बाद विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी सिंबल को लेकर शरद पवार ने अजीत पवार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने अजीत पवार को ३६ घंटे का अल्टीमेटम दिया है। अगले ३६ घंटों में अजीत पवार को राज्य के अखबारों में पार्टी सिंबल का खुलासा करते हुए एक नोटिफिकेशन प्रकाशित कराना होगा।
अजीत पवार गुट ने बुधवार, ६ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि ३६ घंटों के भीतर, मराठी दैनिक समाचार पत्रों में घड़ी के प्रतीक के संबंध में एक विज्ञापन प्रकाशित करेगा। इस विज्ञापन में बताया जाएगा कि सिंबल का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए मौखिक निर्देश का जवाब देते हुए वरिष्ठ वकील बलबीर सिंह ने अजीत पवार की ओर से यह आश्वासन दिया।
याचिका शरद पवार ने दायर की थी
न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्वल भुइयां की पीठ ने राकांपा (शरदचंद्र पवार) द्वारा आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में घड़ी चिह्न का उपयोग करने से दादा गुट को रोकने के लिए दायर आवेदन पर सुनवाई शुरू की। इस आवेदन के जरिए शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह अजीत पवार को विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए नए चुनाव चिह्न के लिए आवेदन करने का निर्देश दे। कल हुई सुनवाई में वरिष्ठ वकील बलबीर सिंह ने दावा किया कि अजीत पवार गुट `घड़ी’ चिह्न का उपयोग करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई सभी शर्तों का पालन कर रहा है। नया गारंटी पत्र प्रकाशित करने के लिए समाचार पत्रों से संपर्क किया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा, आप समाचार पत्रों में डिस्क्लेमर प्रकाशित करने में समय क्यों ले रहे हैं? हम आपको दिन नहीं दे रहे हैं, हम पूछ रहे हैं कि आप इसे कितने घंटों में कर सकते हैं?