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एमएमआरसी का अनुमान हुआ धड़ाम … भूमिगत मेट्रो में १०% भी राइडरशिप नहीं! …एक माह में मात्र ६ लाख १२ हजार लोगों ने ही की यात्रा 

सामना संवाददाता / मुंबई 
मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (एमएमआरसी) द्वारा संचालित मेट्रो-३ जो कि पूर्णतया एक भूमिगत रेल सेवा है, उसे यात्रियों की अपेक्षित प्रतिसाद नहीं मिल पा रहा है। बताया जाता है कि एक महीना बीत जाने के बाद भी अब तक मात्र ६ लाख १२ हजार ९१३ लोगों ने इस भूमिगत मेट्रो से यात्रा की है, जबकि एमएमआरसी को इस रूट पर प्रतिदिन ४५०,००० यात्रियों की उम्मीद थी, लेकिन प्रतिदिन यात्रियों की औसत संख्या २० से २१ हजार ही हो रही है। यानी अगर आंकड़ों पर गौर करें तो मेट्रो-३ की १० फीसदी भी राइडरशिप नहीं है। इन आंकड़ों को देखकर एमएमआरसी टेंशन में आ गई है।

७ अक्टूबर से शुरू हुई थी सेवा
एमएमआरसी ३३.५ किमी लंबी भूमिगत मेट्रो ३ लाइन का निर्माण कर रहा है। इस ३३.५ किमी के हिस्से में से आरे से बीकेसी तक १२.५ किमी पर परिवहन सेवा ७ अक्टूबर से शुरू हो गई है। चूंकि यह मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो लाइन है और यह उन क्षेत्रों को जोड़ती है, जहां उपनगरीय रेल सेवा नहीं पहुंचती है। इसलिए उम्मीद थी कि इस लाइन को अच्छी प्रतिक्रिया मिलेगी, लेकिन उम्मीदों के अनुरूप ऐसा नहीं हुआ। आरे से बीकेसी तक की यात्रा को ज्यादा रिस्पॉन्स मिलता नहीं दिखाई दे रहा है। आंकड़ों के अनुसार, पहले दिन यानी ७ अक्टूबर को इस रूट पर १८ हजार १५ लोगों ने सफर किया था। हालांकि, इसके बाद यात्रियों की संख्या बढ़ी, लेकिन यात्रियों की यह संख्या प्रतिदिन औसतन २० से २१ हजार तक ही सीमित है।

सुविधाओं का घोर अभाव
ऐसा कहा जा रहा है कि आरे से बीकेसी मार्ग पर मेट्रो स्टेशन तक पहुंचने या मेट्रो स्टेशन से वांछित गंतव्य तक जाने की कोई सुविधा नहीं है। रिक्शा, टैक्सी या बेस्ट के बस स्टॉप भी नहीं हैं, इसलिए मुंबईकर इस मार्ग की ओर रुख नहीं कर रहे हैं। जिसके बाद एमएमआरसी ने विश्वास जताया है कि जल्द ही यात्रियों को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी और मेट्रो का सफर आसान हो जाएगा।

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