पालघर और बोईसर सीट पर शिंदे गुट को नतीजे भुगतने की चेतावनी
महायुति में रार बढ़ने से महाविकास आघाड़ी की जीत पक्की
संदीप पांडेय / पालघर
पालघर में भाजपा और शिंदे गुट आमने-सामने आ गए हैं। दोनों पार्टियों में शुरू में हुई खटपट से महायुति के उम्मीदवारों की हालत पतली होती दिख रही है। विक्रमगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हरिश्चंद्र भोये के खिलाफ शिंदे गुट के नेता रहे प्रकाश निकम जिजाऊ संगठन की और से चुनाव लड़ रहे हैं। निकम की बगावत और चुनाव में उतरने से भाजपा पूरी तरह भड़की हुई है। निकम की वजह से विक्रमगढ़ विधानसभा सीट पर भाजपा की पकड़ कमजोर होती दिख रही है।
भाजपा के जिला अध्यक्ष भरत राजपूत ने चेतावनी देते हुए कहा कि निकम पर एकनाथ शिंदे कार्रवाई करें, नहीं तो भाजपा के नेता और कार्यकर्ता भी बोईसर और पालघर में अपनी भूमिका पर भी विचार करेंगे। हालांकि, भाजपा की मांग पर प्रकाश निकम को शिंदे ने निलंबित कर दिया है। इसके बाद भी जिला परिषद के अध्यक्ष पद पर वे अभी भी बने हुए हैं, जिससे इस कार्रवाई को दिखावा बताया जा रहा है। बता दें कि पालघर और बोईसर विधानसभा सीटों से शिंदे गुट के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच जारी लड़ाई का शिंदे गुट के उम्मीदवारों पर भी इसका असर पड़ना तय है, जिसका फायदा पालघर से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के उम्मीदवार जयेंद्र दुबला और बोईसर से उम्मीदवार डॉक्टर विश्वास वलवी को मिलना तय माना जा रहा है। भाजपा और शिवसेना के बीच कड़वाहट बढ़ने से महायुति के उम्मीदवारों की हालत पतली होती दिख रही है।
न सरकार बचेगी, न गठबंधन
महायुति के दोनों घटक दलों के बीच ठन जाने से महाविकास आघाड़ी की जीत निश्चित दिख रही है। कांग्रेस के प्रदेश सचिव कैप्टन सत्यम ठाकुर ने कहा कि लोगों की एकता और एकजुटता को तोड़ने वाले खुद ही टूटकर बिखर रहे हैं। कैप्टन ने दावा किया कि जनता का आशीर्वाद महाविकास आघाड़ी के साथ है। भाजपा और शिंदे गुट जिले की सभी सीटें हार रही हैं। इसी से महायुति के नेता घबराए हुए है। कैप्टन ने कहा कि उनकी टक्कर महाविकास आघाड़ी से नहीं, बल्कि आपस में है। जनता में महायुति सरकार के खिलाफ आक्रोश चरम पर है। चुनाव के बाद न महायुति की सरकार रहेगी, न ही उनका गठबंधन।