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दो साल बाद भी गोखले ब्रिज का काम अधूरा …प्रशासन की सुस्ती और ठेकेदार की गलतियों का खामियाजा भुगत रही जनता

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के अंधेरी इलाके की जनता गोखले ब्रिज के निर्माण कार्य में हो रही देरी के कारण परेशानी का सामना कर रही है। नवंबर २०२२ में खस्ताहाल पाए जाने की वजह से इस पुल को बंद कर दिया गया था। तब से जनता को यातायात में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पहले इस पुल का निर्माण कार्य १४ नवंबर तक पूरा होना था, लेकिन अब काम की नई समय-सीमा अप्रैल २०२५ तक बढ़ा दी गई है। ठेकेदार को कार्य पूर्ण करने में हो रहे विलंब के लिए दंडित किया गया है, लेकिन इसका असर आम जनता की दिक्कतों पर कोई राहत नहीं ला सका है।
बता दें कि जनता के लिए अस्थायी राहत के रूप में दो लेन को खोलने की योजना मई २०२३ में थी, पर इसमें १० महीने की देरी हुई और यह रास्ता २६ फरवरी २०२४ को चालू हुआ। बावजूद इसके पुल का निर्माण पूरा होने में अभी भी काफी वक्त लगेगा। सितंबर में दक्षिणी हिस्से पर स्टील गर्डर का काम पूरा करने के बावजूद पुल का दूसरा फेज अब तक अधूरा है। रेलवे पटरी के ऊपर गर्डर बिछाने के काम के लिए स्टील के पुर्जों को अगस्त में अंबाला से मुंबई लाया गया था, लेकिन बड़े गर्डरों को सेट करने के लिए क्रेन लगाने की पर्याप्त जगह न होने से काम में बार-बार रुकावटेंं आ रही हैं। गोखले ब्रिज का प्रत्येक गर्डर १३.५ मीटर चौड़ा और ९० मीटर लंबा है, जो करीब १,३०० मीट्रिक टन वजन का है। गर्डर लगाने के बाद इसे ७.५ मीटर की ऊंचाई तक नीचे लाने का काम भी अटका हुआ है। साथ ही क्रैश बैरियर लगाना, सड़क की पीचिंग, सड़क बनाना, स्ट्रीट लाइट लगाना और रोड मार्किंग जैसे कई जरूरी कार्य अब भी अधूरे पड़े हैं। बीएमसी के अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार ने समय का सही आकलन नहीं किया, जिससे रेलवे ट्रैक पर पुल बनाने का काम और दक्षिणी हिस्से पर पीचिंग का काम तय समय से काफी पीछे चल रहा है। प्रशासन की सुस्ती और ठेकेदार की गलतियों का नतीजा जनता भुगत रही है।

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